Nirogi Kaya Abhiyan: मध्य प्रदेश में स्वस्थ भारत की संकल्पना को साकार करने निरोगी काया अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत मधुमेह (डायबिटीज), रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और फैटी लिवर जैसी असंक्रामक बीमारियों (एनसीडी) की निःशुल्क जांच की जा रही है। 30 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति यह जांचें करा सकता है, उसे इसके लिए फी नहीं देनी पड़ेगी। 

12 हज़ार से अधिक केंद्रों में नि:शुल्क जांच
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा, निरोगी काया अभियान 20 फरवरी को शुरू हुआ था। 31 मार्च 2025 तक इसका लाभ ले सकते हैं। मध्य प्रदेश के 12 हज़ार से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों, जन आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और संजीवनी क्लीनिकों में बीपी, शुगर और फैटी लिवर की जांचें पुरी तरह से नि:शुल्क की जा रही हैं।  

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला की अपील 

  • डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने आमजन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और प्रशासनि अफसरों से अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। कहा, आसपास के लोगों को स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित करें। अभियान की मॉनिटरिंग करें और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य दिलाने में मदद करें। 
  • डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि रविवार को छोड़कर सप्ताह में 6 दिन यह स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल नि:शुल्क उपलब्ध हैं। आम नागरिकों से अनुरोध है कि नजदीकी जन आरोग्य मंदिर, संजीवनी क्लिनिक या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य कराएं। परिचितों को भ प्रेरित करें। 

निरोगी काया अभियान का उद्देश्य 
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने निरोगी काया अभियान के उद्देश्यों पर चर्चा की। कहा, असंक्रामक बीमारियों की रोकथाम और समय पर पहचान जरूरी है। शुगर, बीपी और फैटी लिवर जैसी बीमारियां शुरुआत में लक्षणहीन होती हैं। लिहाजा, लोग समझ नहीं पाते। समय पर इलाज न हो पाने से समस्या गंभीर हो जाती है। इस अभियान के जरिए प्रदेश के हर व्यक्ति को जरूरी हेल्थ चेकअप और उपचार सेवाएं पहुंचें।

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8 लाख नागरिकों की निःशुल्क जांच
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, निरोगी काया अभियान के तहत अब तक 6 लाख लोगों की मधुमेह और रक्तचाप की जांच पूरी की जा चुकी है, जबकि 2 लाख लोगों की फैटी लिवर की जांच हो चुकी है। यह आंकड़े अभियान की सफलता को दर्शाते हैं। साथ ही प्रमाणित करते हैं कि नागरिकों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है।