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मध्यप्रदेश के भोपाल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बेटे ने अपनी मां का रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं किया तो पुलिस ने FIR दर्ज की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही गड्ढे से शव निकलवाकर बेटे से मां का अंतिम संस्कार भी कराया।

भोपाल। बेटे ने मां का सम्मान और रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं किया तो पुलिस ने बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इतना ही नहीं पुलिस ने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उसकी मां का अंतिम संस्कार भी कराया। मामला भोपाल के बैरसिया तहसील के गुनगा गांव का है। जानकारी के मुताबिक, 80 वर्षीय तुलसी बाई और उसका 55 वर्षीय बेटा जग्गा उर्फ जगदीश दिल्लौद में टपरा बनाकर रहते हैं। बीमारी के कारण 13 फरवरी की रात तुलसी की मृत्यु हो गई। मौत के बाद जग्गा ने हिंदू रीति रिवाजों से मां का अंतिम संस्कार न करते हुए गांव के पास जंगल में खुदे गड्ढे में दफना दिया था। गांव वालों को इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को गड्ढे से निकलवाया, पोस्टमार्टम कराने के बाद बेटे से मां का अंतिम संस्कार करवाया। 

150 रुपए थे, इतने पैसे में कैसे मां का अंतिम संस्कार करता 
पुलिस ने पूछताछ की तो जग्गा ने बताया कि मां की मौत के बाद उसने टपरे से मां को कंधे पर रखा और 300 मीटर दूर फॉरेस्ट एरिया में शव लेकर पहुंचा। वहां प्लांटेशन के लिए खोदे गए गड्ढे में मां के शव को दफन कर दिया। इसके बाद अपने टपरे में आकर सो गया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पास केवल 150 रुपए थे। ऐसे में वह मां का अंतिम संस्कार कैसे करता इसलिए उसने मां को गड्ढे में दफन कर दिया था।

गांव वालों ने हत्या की आशंका जताई थी 
पुलिस ने बताया कि गांववालों ने बेटे पर हत्या का शक जताया था। जिससे डरकर जग्गा भाग गया। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो बेटे ने सबकुछ बताया। इधर, पुलिस ने शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और 15 फरवरी को रिश्तेदारों से रीति- रिवाज से अंतिम संस्कार कराया। पीएम रिपोर्ट में मृत्यु सामान्य होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद 17 फरवरी को जग्गा उर्फ जगदीश के खिलाफ आईपीसी की धारा 297 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उसे मुचलके पर रिहा कर दिया गया है।

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