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Jabalpur High Court: जबलपुर हाई कोर्ट में मनमानी फीस वसूली के मामले में प्रशासन की ओर से की जा रही सख्ती के विरुद्ध निजी स्कूलों की ओर से याचिका लगाई गई थी, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

Jabalpur High Court: मध्य प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। मनमानी फीस वसूली के मामले में प्रशासन की ओर से की जा रही सख्ती के विरुद्ध निजी स्कूलों की ओर से जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसे अब जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

अतिरिक्त फीस लौटाने के निर्देश
प्रदेश में संचालित एक दर्जन से अधिक स्कूल के संचालकों द्वारा अतिरिक्त फीस लौटाने के निर्देश के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी। इन स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने के मामले में प्रशासन की ओर पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से वसूली गई फीस वापस के निर्देश दिए गए थे।

स्कूल संचालकों की दलील
प्रदेश सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता ने निजी स्कूल संचालकों की दलील पर कोर्ट के सामने अपने पक्ष रखे। जिसमें उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण जिला कमेटी को नहीं है। इसके साथ ही स्कूलों की ओर से प्रशासन को पिछले कुछ सालों के आय व्यय की जानकारी भी साझा नहीं की जाने की बात उप महाधिवक्ता ने रखी। 

जानकारी उपलब्ध नहीं कराई
निजी स्कूलों के द्वारा प्रशासन की नोटिस जारी होने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने का उल्लेख सरकार के महाधिवक्ता की ओर से किया गया। जिस पर  की जबलपुर की एकल बेंच के जस्टिस ने याचिका पर सुनवाई की। बताया जा रहा है कि इस मामले में ज्ञान गंगा ऑर्चिड इंटरनेशनल स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल, क्राइस्ट चर्च स्कूल सहित अन्य एक दर्जन स्कूलों की ओर से फीस बढ़ाने के मामले में याचिका लगाई थी। फीस बढ़ोतरी के मामले में जिला कमेटी के निर्णय का जिक्र स्कूलों द्वारा किया गया था। 

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