Raisen Waqf Board Controversy: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में वक्फ बोर्ड की जमीन का विवादित मामला सामने आया है। इस जमीन पर सात परिवार लंबे समय से रह रहे हैं, पीएम आवास के तहत पक्का मकान भी बनाया है, लेकिन वक्फ बोर्ड ने नोटिस जारी कर उन्हें जमीन खाली करने को कहा है। नोटिस से परिवार परेशान हैं। मंगलवार (4 मार्च) को कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। 

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी 
विवादित जमीन रायसेन जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित माखनी गांव में है। वक्फ बोर्ड ने जारी नोटिस में कहा, यह जमीन वक्फ बोर्ड की। 7 दिन में खाली नहीं किया तो आपके के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वक्फ बोर्ड के नोटिस से परिवार परेशान हैं। 

प्रभावित परिवार बोले-

  • कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा को दिए शिकायती पत्र में कहा, हम लोग यहां कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। कभी किसी ने रोक-टोक नहीं की, लेकिन अब अचानक से जमीन खाली करने को कहा जा रहा है। छोटे छोटे बच्चों को लेकर हम कहां जाएंगे। 
  • प्रभावित परिवारों ने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन सरकारी दर्ज है। शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास स्वीकृत किया है। मकान बनने के बाद अब जमीन खाली करने को कहा जा रहा है। हम लोग जमीन खाली नहीं करेंगे, चाहे जो करना पड़े।  
  • प्रभावित परिवारों ने कहा, उक्त जमीन पर ऐतिहासिक मंदिर और शमशान घाट बना है। अगर यह बक्फ बोर्ड की जमीन थी तो फिर प्रधानमंत्री आवास योजना की कुटीर कैसे मंजूर कर दी गई। कुछ भी हो जाए न हम अपने मंदिर को तोड़ने देंगे और न ही यह जमीन खाली करेंगे। 

कलेक्टर बोले-होगी न्याय संगत कार्रवाई 
रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा इस मामले से अनजान हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया से जानकारी मिली है। मैं दिखवाता हूं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही न्याय संगत कार्रवाई की जाएगी। इस भूमि विवाद में हिंदूवादी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं।

हिंदूवादी संगठनों की चेतावनी 
हिंदूवादी नेता बद्री शर्मा साथियों संग माखनी गांव पहुंचे और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही प्रशासन चेताया है कि जमीन पर प्राचीन मंदिर बना है, जिसे किसी सूरत में तोड़ने नहीं दिया जाएगा। न ही यहां रहने वाले परिवारों को हटने देंगे।  

रिपोर्ट : संजय चौहान, रायसेन