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Mahalaxmi Temple Ratlam: मध्यप्रदेश के रतलाम में महालक्ष्मी मंदिर को नोटों और कीमती आभूषणों से सजाया गया है। दिवाली पर हर साल इस मंदिर को इसी तरह से सजाया जाता है। सजावट के लिए नोटों और ज्वेलरी की व्यवस्था श्रद्धालु खुद करते हैं।

Mahalaxmi Temple Ratlam: मध्य प्रदेश के रतलाम स्थित महालक्ष्मी मंदिर में नोटों और कीमती आभूषणों से भव्य सजावट की गई है। मंदिर के हर कोने को नकदी और जेवरों से सजाया गया है। देश का इकलौता मंदिर है, जहां दीपावली पर हर साल करोड़ों के नोटों और आभूषणों से सजावट की जाती है। 

महालक्ष्मी मंदिर में अब तक की गणना के अनुसार, 1 करोड़ 47 लाख के नोटों और करीब 3 करोड़ के आभूषणों से सजावट की गई है। भक्तों ने शरद पूर्णिमा (14 अक्टूबर) से मंदिर की सजावट शुरू कर दी थी। भक्त इस कार्य में नि:शुल्क सेवा देते हैं।

श्रद्धालुओं ने दान की राशि 
महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Temple) की सजावट के लिए 1 रुपए से लेकर 500 तक के नोट उपयोग किए गए हैं। इसके लिए रतलाम, इंदौर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, नागदा, खंडवा, देवास और कोटा के श्रद्धालुओं ने श्रद्धानुसार राशि दान की है। कुछ भक्तों ने 5 लाख रुपए तक दिए हैं। 

500 के नोटों से सजा गर्भगृह
महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह को 500 के नोटों की लड़ियों से सजाया गया है। दिवाली पर भक्त अपनी तिजोरियां तक मंदिर में रख जाते हैं। मान्यता है कि महालक्ष्मी के शृंगार के लिए नोट दान करन से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। दान देने वाले हर श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। साथ ही सुरक्षा गार्ड तैनात और सीसीटीवी कैमरों से मंदिर की निगरानी की जाती है।

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रियासत काल से चली आ रही परंपरा 
महालक्ष्मी मंदिर की देखरेख श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोग करते हैं। उन्होंने बताया कि रियासत काल से ही उनके पूर्वज दिवाली पर माता का श्रृंगार करते आ रहे हैं। इसके लिए श्रद्धालु नकली, छत्र, मुकुट, कलंगी, कान के झुमके और कड़े सहित अन्य सामग्री दे जाते हैं। दिवाली बाद इसे वापस कर लिया जाता है।  

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