Rewa News: रीवा से विचलित कर देने वाली खबर है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की अजीब बीमारी से पीड़ित त्योंथर का मनीष यादव भूख हड़ताल पर बैठा है। SDM ऑफिस के सामने खटिया डालकर अनशन कर रहा मनीष का शरीर सूखकर कांटा हो गया है। मनीष की मांग है कि जब तक इलाज का आश्वासन नहीं मिल जाता, आमरण अनशन जारी रहेगा।
SDM कार्यालय के सामने ही आखिरी सांस लूंगा
25 सितंबर से अनशन पर बैठे मनीष का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक बात नहीं पहुंच जाती, अनशन पर बैठा रहूंगा। अगर सरकार इलाज नहीं दिलवा सकती, तो इच्छा मृत्यु दिलवा दे। हर व्यक्ति के जान-माल की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। अगर मांग नहीं मानी जाती, तो मैं मरना पसंद करूंगा। एसडीएम कार्यालय के सामने ही आखिरी सांस लूंगा।
17 माह पहले शिवराज ने किया था वादा
मध्यप्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने 25 मई 2023 को एक्स पर पोस्ट कर मनीष को चिंता न करने का भरोसा दिलाया था। शिवराज ने एक्स पर लिखा था कि बेटा मनीष, आपको और आपके परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है। आपको और परिवार के सभी सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं।
बेटा मनीष, आपको और आपके परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 25, 2023
आपको और परिवार के सभी सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं। https://t.co/lgv41Bhmoa
शिवराज ने करवाई थी जांच
मनीष यादव ने बताया कि पिछले साल शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम में जांच करवाई गई थी। इसके बाद से संपर्क नहीं किया गया। दो महीने पहले जांच रिपोर्ट आ गई है। उसके बाद से अस्पताल से इलाज के लिए फोन आ रहे हैं, लेकिन हम आर्थिक रूप से अक्षम हैं।
परिवार में पांच लोग बीमारी से पीड़ित
उसरगांव के रहने वाले रामनरेश यादव (60) के पांच बेटे और दो बेटियां हैं। मनीष को मिलाकर परिवार में कुल 9 लोग हैं। 5 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की चपेट में हैं। इनमें तीन भाई, एक बहन और पिता बीमारी से पीड़ित हैं। स्टेम सेल थैरेपी के जरिए इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है, लेकिन खर्च महंगा है। रामनरेश और बेटी सुशीला को बीमारियों के हल्के लक्षण थे। 1998 से 2003 के बीच अनीश, मनीष और मनोज का जन्म हुआ। ये बच्चे 8 से 10 साल के हुए तो इनका शरीर कमजोर होने लगा।
मदद का आश्वासन
त्योंथर एसडीएम एसके जैन ने मनीष से मुलाकात कर सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने का आश्वासन दिया है। SDM ने कहा कि मैं लगातार मनीष के संपर्क में हूं। प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। इस मामले में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी चर्चा करेंगे।