Sant Sitaram Das dispute in Tikamgarh: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में शनिवार 22 जून को खदान संचालक व संतों से विवाद का मामला सामने आया है। धजरई आश्रम में निर्मोही अखाड़ा के बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर संत सीताराम दास की शिकायत पर टीकमगढ़ पुलिस ने कांग्रेस के पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। देहात थाने में उनके खिलाफ धारा 323, 147, 149, 452 के तहत केस दर्ज किया गया है। घटनाक्रम के वीडियो भी सामने आए हैं।
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झूमा-झटकी और हाथापाई तक पहुंचा विवाद
संत सीताराम दास का आरोप है कि अलोक चतुर्वेदी को आवंटित खदान के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसका विरोध करने पर वह गुंडे लेकर आश्रम में मारने के लिए आए थे। इस दौरान झूमा-झटकी और मारपीट की वारदात भी हुई है। जबकि, पूर्व विधायक ने उनके आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, हम तो मामले पर सिर्फ बात करने के लिए आए थे, लेकिन संत आक्रोशित हो गए और डंडे लेकर दौड़ पड़े। पूरे घटनाक्रम के वीडियो फुटेज हैं। हमारी किसी साथी ने उनसे अभद्र व्यवहार नहीं किया।
सागर-छतरपुर स्टेड हाईवे पर चक्काजाम
टीकमगढ़ जिले की बैतपुर पहाड़ी में कांग्रेस नेता व छतरपुर के पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी को डायस्पोर पत्थर की खदान (Diaspore stone quarry) आवंटित हुई है। उनकी इस खदान के लिए 12 हजार पेड़ काटे जाने हैं। संत सीताराम दास पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। पूर्व विधायक चतुर्वेदी शनिवार को अपने कुछ समर्थकों के साथ संत सीमाराम को समझाने गए थे, लेकिन दोनों में पक्षों में कहा-सुनी होने लगी। बात हाथापाई और झूमाझटकी तक पहुंच गई। जिसके बाद संत सीताराम धजरई तिगेला में सागर-छतरपुर स्टेड हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। करीब 2 घंटे यातायात प्रभावित रहा।
पूर्व विधायक ने क्या कहा?
पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, टीकमगढ़ के बैदउ गांव में मिनिरल्स खदान (Bandau stone Mine) सरकार ने स्वीकृत की है। जिसके लिए डिमार्केशन का कार्य चल रहा है। इसी बीच धजरई आश्रम के महंत तीन चार गाड़ियों में सहयोगियों को लेकर खदान पहुंचे और तोड़फोड़ शुरू कर दी। जानकारी मिलने पर मैं इस संबंध में बातचीत करने के लिए उनके आश्रम में गया था। महंत जी मुझे देखते ही आक्रोशित हो गए और हाथ में डंडे लेकर मारने के लिए दौड़ने लगे।
संत सीताराम बोले-हथियारबंद गुंडे लेकर आए थे
संत सीताराम दास का कहना है कि पर्यावरण बचाने के उद्देश्य से हम विरोध कर रहे हैं। खदान में पेड़ काटे जाने की सूचना मिली तो रोकने के लिए खदान गए थे न कि विवाद करने। लेकिन खदान संचालक हथियारबंद साथियों को लेकर आश्रम पहुंचे और मुझे पकडकर मारने का प्रयास किया। गांव वालों ने बचा लिया अन्यथा हत्या कर सकते थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर टीकमगढ़-जतारा मार्ग पर चक्काजाम किया।