Satna Malhati Tola School: मध्य प्रदेश के सतना जिले में भू-माफिया बेखौफ हैं। वह स्कूल-कॉलेज और एयरपोर्ट जैसी अति महत्व की जमीनें भी नहीं छोड़ रहे। ताजा मामला रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्र की अकौना टिकरी पंचायत का है। यहां स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जा है, जिस कारण बच्चे सड़क किनारे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
सतना जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर अकौना टिकरी पंचायत के मलहटी टोला में प्राथमिक स्कूल तो है, लेकिन भवन निर्माण में अतिक्रमणकारी बाधक बन रहे हैं। प्रशासन ने गांव की आराजी नंबर 711 (रकबा 3.29 हेक्टेयर) जमीन स्कूल निर्माण के लिए आवंटित की है, लेकिन दबंग निर्माण नहीं होने दे रहे। शिक्षा और राजस्व विभाग के अधिकारी उनके सामने बेबस नजर आ रहे हैं।
#Satna...सड़क पर भविष्य: दबंगों ने कब्जा ली जमीन, 12 साल से तबेले में चल रहीं बच्चों की क्लास pic.twitter.com/m9jhyqJZ5h
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) April 5, 2025
मूलभूत सुविधाओं से वंचित छात्र
स्कूल शिक्षा विभाग और गांव की सरपंच ने स्कूल की भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने राजस्व विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। पंचायत निर्माण नहीं करा पाती। स्कूल भवन के अभाव में छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। वह सड़क किनारे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं।
बच्चों को हो रही परेशानी
अकौना सरपंच श्रद्धा सिंह ने बताया कि तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक पत्र लिखा है, लेकिन अधिकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाए। शिक्षिका रीता त्रिपाठी ने बताया, 2013 से स्कूल कभी पेड़ के नीचे तो कभी सड़क किनारे चल रहा है। अभी किराए के कमरे में क्लास संचालित हैं।
22 बच्चे और दो टीचर, सुविधाएं शून्य
मलहटी टोला प्राथमिक शाला में 22 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां दो शिक्षक भी पदस्थ हैं, लेकिन न पेयजल की सुविधा उपलब्ध है और न ही शौचालय की। बच्चों को काफी परेशानी होती है। मलहटी टोला आंगनबाड़ी केंद्र भी किराए के कमरे में संचालित है। कार्यकर्ता सरिता शुक्ला ने बताया, मकान मालिक ने कमरा खाली करा लिया है, जिस कारण सड़क किनारे सामान रखकर बैठे रहते हैं।
DEO बोले-फिर लिखेंगे पत्र
जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने बताया, मामला संज्ञान में है। आवंटित जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार को आवेदन दिया है, एक बार कार्रवाई भी हुई, लेकिन कब्जाधारियों ने निर्माण शुरू नहीं होने दिया। एक बार फिर प्रशासन को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की जाएगी।