प्रशांत शुक्ला, भोपाल: लोकायुक्त, आयकर और ईडी के छापों में करोड़ों की संपत्ति और गोल्ड एवं कैश से भरी कार को लेकर आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से अपनी पूछताछ शुरू कर दी है। सोमवार को आयकर विभाग की टीम सुबह तकरीबन दोपहर सवा तीन बजे सेंट्रल जेल पहुंची। छह अफसरो की इस टीम ने जेल प्रशासन को कोर्ट आदेश की कॉपी दी और जेल में बंद सौरभ से पूछताछ शुरू की। 

इस दौरान आयकर की टीम ने सबसे पहले सौरभ से उस कार के बारे में सवाल किए, जो 19 और 20 दिसंबर की दरमियानी रात पुलिस के साथ मिलकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बरामद की थी। इसमें बरामद 10 करोड़ की नकदी और 50 किलो सोने के संबंध में सवाल किए गए जिसका सौरभ ने एक सा जवाब दिया कि न तो कार मेरी है और न ही इसमें रखी रकम और सोने से मेरा कोई लेना-देना है। 

ये भी पढ़ें: AIIMS की लचर व्यवस्था पर उठे सवाल, 50 वर्षीय महिला को MRI जांच के लिए मिला 16 महीने की वेटिंग; बोलीं-इलाज कब होगा?

कोर्ट आदेश  के दो दिन बाद जेल पहुंची टीम
आयकर विभाग को शुक्रवार को कोर्ट ने सौरभ, चेतन और शरद से जेल जाकर पूछताछ करने की अनुमति दी थी। इसके बाद शनिवार और रविवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम सेंट्रल जेल नहीं गई थी, जबकि कोर्ट में आयकर विभाग ने 20 दिनों तक पूछताछ का आवेदन दिया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि सौरभ, शरद और चेतन से पूछताछ कोर्ट की अनुमति मिलने के तत्काल बाद ही शुरू हो जाएगी। सौरभ से गोल्ड और कैश से भरी कार के अलावा उसकी डायरी में दर्ज नामों और उनके सामने लिखी रकम के बारे में भी सवाल किए गए। हालांकि फिलहाल आयकर विभाग इस पूछताछ के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने को तैयार नहीं है। फिलहाल तीनों आरोपी 3 मार्च तक ज्यूडिशियल रिमांड पर सेंट्रल जेल भोपाल में बंद हैं। 

पहले दिन सौरभ से हुए सवाल, आज आएगी शरद की बारी 
आयकर के छापे के बाद शरद जायसवाल फरार हो गया था, जबकि सौरभ छापों के पहले ही दुबई भाग चुका था। इस अवधि में आयकर विभाग लगातार दोनों को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाता रहा। अब इनके हिरासत में आने के बाद आयकर विभाग को पहली बार मौका मिला, जब सौरभ शर्मा से सवाल किए गए। पहले दिन उससे चार घंटे पूछताछ की गई। अब शरद और चेतन से पूछताछ बाकी है जो मंगलवार को होने की संभावना है। इसके अलावा इन तीनों को आमने-सामने बिठाकर भी सवाल किए जाएंगे। छापों के बाद तीसरे आरोपी चेतन को आयकर विभाग ने समन देकर बुलाया था और अपने दफ्तर में कई बार पूछताछ की थी।

 शैल कंपनियों और बैंक ट्रांजेक्शन के संबंध में करना है बात
अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को तीनों के नाम पर बनीं शैल कंपनियों, बैंक खातों से हुए भारी-भरकम ट्रांजेक्शन, हर महीने मिलने वाले करोड़ों रूपए की मनी ट्रेल और बनाई हुई बेनामी संपत्ति में निवेश करने वालों के नाम भी पता लगाने हैं। चेतन के मोबाइल से इनकम टैक्स की टीम को करोड़ों के इंटरनल फंड ट्रांसफर के सबूत भी मिले हैं, जिसके बारे में आयकर की टीम को पूछताछ करनी है।