प्रशांत शुक्ला, भोपाल: आरटीओ का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और पार्टनर शरद जायसवाल के परिजनों से ईडी की रिमांड में मुलाकात किए जाने की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है, अदालत ने केवल उनके वकील को मिलने की अनुमति दी है। दरअसल मंगलवार को सौरभ और शरद के परिजनों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अलग अलग आवेदन लगाया था। जिसकी सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख दिया था। गुरूवार को अपर सत्र न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत ने इस मामले में आवेदन को निराकरण करते हुए आदेश जारी कर दिए।
सौरभ, शरद और चेतन 17 फरवरी तक ईडी की रिमांड पर है। गोल्ड और केश सहित प्रापर्टी और मनी लॉड्रिग को लेकर ईडी की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने भी 7 दिन की रिमांड पर आरोपियों से गोल्ड और कैश के संबंध में पूछताछ की थी लेकिन लोकायुक्त के हाथ गोल्ड और कैश मामले में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। लिहाजा अब ईडी इस मामले में जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकती है।
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जेपी अस्पताल में हुआ सौरभ का मेडिकल परीक्षण
जेपी अस्पताल में गुरूवार को सौरभ शर्मा को मेडीकल परीक्षण के लिए जेपी अस्पताल ले जाया गया। यहां उसका बीपी और पल्स चेक किया गया जिसमें सब नार्मल निकला। सुबह करीब साढ़े नौ बजे ईडी की टीम ने मेडिकल परीक्षण कराया और इसके बाद पूछताछ के लिए वापिस अपने दफ्तर लेकर पहुंची। कोर्ट में हर 24 घंटे में सौरभ को मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश दिए है। इसी को देखते हुए जांच एजेसियां उसके स्वास्थ और सुरक्षा का विशेष ध्यान रख रही है।
ईडी ने दो बार की थी सर्चिग
दरअसल, ईडी की टीम ने सौरभ, शरद और चेतन के ठिकानों पर दो बार विगत 27 दिसंबर और 17 जनवरी को सर्चिग की थी। इस दौरान अलग अलग कंपनियों में इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज, प्रापर्टी सहित अन्य वित्तीय लेन देन के साक्ष्य मिले थे। सौरभ ने अपने करीबियों और पारिवारिक सदस्यों के नाम बैंक खातों में अवैध रूप से जमा की गई पूंजी को प्रापर्टी में निवेश कर मनी लॉड्रिग की। ईडी हर एंगल से इस केस की जांच कर रही है।