जबलपुर. स्कूली बच्चों से भरी बस आग के गोले में तब्दील हो गई। डुमना रोड पर रविवार को हुए हादसे के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस और सेना के जवानों ने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ आग पर काबू पाया। बल्कि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित कर अन्य वाहनों से उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया।

राहगीरों की सूचना पर पुलिस और जवान पहुंचे
पुलिस ने बताया, पाटन स्थित एमएस बिनेकी स्कूल के छात्र रविवार सुबह शिक्षकों के साथ पिकिनक मनाने जा रहे थे। तभी डुमना रोड पर उनकी बस (एमपी 20 डीए 0794) से अचानक धुआं उठने लगा। बस चालक कुछ समझ पाता और बच्चों को सुरक्षित कर पाता, उससे पहले ही बस धू-धूकर जलने लगी। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी, जिसके बाद  पुलिस और सेना के जवान पहुंचे आौर बर्निंग बस में सवार बच्चों को बाहर निकाला। आगजनी की वजह शार्ट-सर्किट बताई गई है। बता दें  कि बस में 37 बच्चे सवार थे, जिन्हें सेना के जवानों ने बचा लिया। 

मध्यप्रदेश: बसों में आगजनी की घटनाएं 
चलती बस में आगजनी की यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि देश में हर साल ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कहीं स्कूली बच्चे तो कहीं आम यात्री इन हादसों के शिकार हो रहे हैं। गत वर्ष इंदौर के एक निजी स्कूल बस में इसी तरह आगजनी की घटना हुई थी। इसके पहले पन्ना-छतरपुर मार्ग पर मडला घाटी के पास यात्रियों से ओवरलोड बस आगजनी की शिकार हो गई थी। घटना में 40 से अधिक यात्री जिंदा जल गए थे। 

बसों की फिटनेस जांचने का चलाया अभियान
दोनों घटनाओं के बाद शासन ने सख्त गाइडलाइन जारी कर बसों की फिटनेस जांचने का अभियान चलाया। बड़ी संख्या में अनफिट बसें चलन से बाहर भी कराई गई थीं, लेकिन हालात के जस के तस हैं। अन्य प्रदेशों में भी यही हाल हैं। 6 दिसंबर को गुरुग्राम के सिग्नेचर टॉवर के पास एक डबल डेकर बस में अचानक आग भड़क गई थी। 07 अप्रेल 2023 दिल्ली जयपुर राजमार्ग पर 40 कर्मचारियों से लोड बस आग की लपटों से घिर गई थी।