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श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को ठुकराना कांग्रेस को महंगा पड़ रहा है। पार्टी में एक के बाद एक विकेट गिरते जा रहे हैं। अब मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 48 साल पुराने कट्टर कांग्रेसी नेता ने शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से आहत होकर पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है।

भोपाल। आलाकमान ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को अस्वीकार किया तो कांग्रेस पार्टी में बवाल मचा हुआ है। पार्टी के कई नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए इसे सनातन और हिंदू विरोधी बताया है। मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पार्टी के फैसले के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है और कांग्रेस पार्टी से अपना-अपना इस्तीफा दे रहे हैं। इसी के चलते ग्वालियर शहर में कांग्रेस के 48 साल पुराने नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आनंद ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ नजर अंदाज करते आ रहे थे, लेकिन अब पार्टी ने मेरे आराध्य प्रभु श्रीराम का ही विरोध कर दिया तो ऐसी जगह मेरे रहने का क्या मतलब है। 

राजीव गांधी की नीतियों की अवहेलना हो रही है 
आनंद शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो कुछ हो रहा है उसकी आधारशिला कांग्रेस ने ही रखी थी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय की कांग्रेस की नीतियों की वर्तमान दौर में अवहेलना हो रही है। आनंद ने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्राण की अनदेखी करने पर काफी दुखी हैं। आनंद ने इसीलिए पार्टी के सभी दायित्यों से त्यागपत्र दे दिया है। 

चर्चा..भाजपा में शामिल होंगे आनंद 
बता दें कि आनंद पिछले 48 साल से कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य हैं। पार्टी ने उन्हें कई दायित्व भी दिए। आनंद तीन बार पार्षद रह चुके हैं। इसके अलावा वर्तमान में वे कांग्रेस के शहर जिला प्रवक्ता हैं। ग्वालियर नगर निगम में कांग्रेस दल के प्रभारी भी हैं। लेकिन श्रीराम के लिए आनंद ने एक झटके में पार्टी को अलविदा कह दिया। आनंद ने यह भी बताया कि वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले तो सिंधिया ने बड़ी आत्मीयता के साथ उनसे मुलाकात की। चर्चा है कि वे BJP ज्वाइन कर सकते हैं।

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