Vande Bharat Metro Train: मध्य प्रदेश के कुछ शहरों को बड़ी बेसब्री से वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का इंतजार है। जल्द ही वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने जा रहा है। ट्रायल रन के बाद शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश के 3 शहरों (सागर, शाजापुर और  बैतूल) को वंदे भारत मेट्रो के जरिए भोपाल से जोड़ा जाएगा। 

चेन्नई से कोटा पहुंची वंदे भारत मेट्रो ट्रेन
वंदे भारत मेट्रो का पहला रैक चेन्नई के आईसीएफ में बन कर ट्रायल रन के लिए कोटा रवाना हो चुका है। पिछले दिनों इसे मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। यह ट्रेन कोटा पहुंच चुकी है। यहां स्पीड और लोड टेस्टिंग और आक्सीलरेशन (कंपन्न) टेस्ट की तैयारी जोरों से चल रही है। फाइनल ट्रायल रन के बाद रेल मंत्रालय इसी महीने के आखिर तक शेड्यूल जारी कर सकता है।

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मध्य प्रदेश के इन शहरों को मिल सकती है बड़ी सौगात
वंदे भारत मेट्रो का फाइनल शेड्यूल अभी जारी नहीं किया गया है। रेलवे के अनुसार राजधानी भोपाल से 200 किमी की दूरी वाले शहरों को वंदे भारत मेट्रो के जरिए राजधानी से जोड़ा जाएगा। इनमें बैतूल, सागर और शाजापुर को शामिल किया जा रहा है।

ये हो सकते है रूट

  • भोपाल से बीना होते हुए सागर तक वंदे भारत मेट्रो चलेगी।
  • भोपाल से होशंगाबाद होते हुए बैतूल तक वंदे भारत मेट्रो चलेगी।
  • भोपाल से सीहोर होते हुए शाजापुर तक वंदे भारत मेट्रो चलेगी।

माना जा रहा है कि जून के अंत तक फाइनल शेड्यूल घोषित किया जा सकता है। फाइनल शेड्यूल आने के बाद भी ट्रेनों के रूट में कुछ बदलाव भी हो सकता है। रेलवे के अनुसार जुलाई में वंदे भारत मेट्रो ट्रेन की शुरुआत हो सकती है।

यहां देखिए Vande Bharat Metro Train की तस्वीरें

12 कोच की नई वंदे भारत मेट्रो ट्रेन 
वंदे भारत मेट्रो ट्रेन में 12 कोच हैं। ये कोच चेन्नई आईसीएफ में बनाए गए है। फिलहाल इसे पैसेंजर ट्रेन के साथ लगाकर लोकोमोटिव के द्वारा ट्रायल रन के लिए लाया गया है। इसके अलावा एक 16 कोच की वंदे भारत मेट्रो आईसीएफ कपूरथला में भी लगभग बनकर तैयार है।

पूरी तरह स्वदेशी और आधुनिक मेट्रो

  • वंदे भारत मेट्रो ट्रेन रोज सफर करने वाले आम-लोगों का सफर आरामदायक करने जा रही है।
  • स्वदेशी तकनीक से बनी ये आधुनिक मेट्रो ट्रेन पूरी तरह एयर कंडीशंड है और इसमें ऑटोमेटिक डोर लगे हैं। 
  • मेट्रो ट्रेन में पैनोरामिक विंडो और मॉडर्न टॉयलेट में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड के सामान का उपयोग किया गया है। 
  • एक कोच में 100 यात्री बैठकर और 200 खड़े होकर सफर कर सकते हैं। 
  • मेट्रो की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। 
  • ट्रेन का किराया स्लीपर क्लास के बराबर या 15 फीसदी ज्यादा हो सकता है।