Lok Sabha Chunav 2024: मध्यप्रदेश के दतिया के समाजसेवी वैद्य रामकुमार गुप्ता वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। आंदोलनकारी इंदरगढ़ के रामकुमार ने 25 हजार रुपए के सिक्के देकर नामांकन फॉर्म खरीद लिया है। नामांकन लेकर दतिया आए हैं। अब 14 मई को दोबारा फॉर्म जमा करने वाराणसी जाएंगे। 1 जून को वाराणसी में मतदान होना है।
जानें क्यों मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे गुप्ता
रामकुमार गुप्ता क्षेत्रीय समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। रामकुमार का कहना है कि क्षेत्र में सड़कों की हालत अच्छी नहीं है। कई कस्बों में घंटों जाम लग रहा है। लोग परेशान हो रहे हैं। कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है और मरीजों की मौत तक हो चुकी है। ऐसे में यहां बायपास बनाया जाना जरूरी है। गुप्ता ने कहा कि अगर वे जीते तो इन मुद्दों को लोकसभा में भी उठाएंगे। देश हित, भ्रष्टाचार के विरुद्ध और तानाशाही शासन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
40 आंदोलन कर चुके हैं गुप्ता
गुप्ता अब तक करीब 40 आंदोलन कर चुके हैं। उनके आंदोलनों से करीब 35 समस्याओं का समाधान हो चुका है। कुछ में नहीं हो सका। अब उन्हें वाराणसी के चुनाव से उम्मीद है। बता दें कि 6 माह पहले विधानसभा चुनाव में गुप्ता रामकुमार सुर्खियों में आए थे। गुप्ता सेंवढ़ा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 10 हजार रुपए के सिक्के लेकर दतिया कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।
तीन बार चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं गुप्ता
62 वर्षीय वैध रामकुमार गुप्ता दतिया के इंदरगढ़ के निवासी हैं। गुप्ता देसी दवाइयों की दुकान चला कर अपना जीवन यापन करते हैं। रामकुमार गुप्ता ने पहला चुनाव साल 2017 में इंदरगढ़ नगर पालिका का लड़ा था। इसके बाद साल 2018 में विधानसभा सेवड़ा का और साल 2023 में एक बार फिर सेवड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ा था। तीनों बार निर्दलीय प्रत्याशी थे। रामकुमार अभी तक कोई चुनाव नहीं जीते हैं। अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
साढ़े तीन घंटे में गिने सिक्के
समाजसेवी गुप्ता 1 और 2 रुपए के सिक्के जमा कर पूरे 25 हजार रुपए के सिक्के लेकर कलेक्टर कार्यालय गए थे। गुप्ता ने कार्यालय में सिक्के दिए जिसके बाद कर्मचारियों के होश उड़ गए। साढ़े तीन घंटों की मेहनत के बाद 8 कर्मचारी सभी सिक्के गिन सके और उन्हें नामांकन फॉर्म दिया। समाजसेवी गुप्ता का कहना है कि सभी पार्टियों में पैसे मांगे जाते हैं। कोई किसी बहाने तो कोई किसी बहाने से पैसे खर्च कराता है। मेरे पास 3-4 करोड़ नहीं हैं, जो राष्ट्रीय पार्टी से टिकट मिल सके।