Maharashtra Election Richest Candidate: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प नाम उभर कर सामने आया है - घाटकोपर ईस्ट सीट से भाजपा उम्मीदवार पराग शाह। अपनी करोड़ों की संपत्ति के बावजूद उनके पास गाड़ी नहीं है। उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी 3383 करोड़ रुपए की संपत्ति की जानकारी दी है, जिसमें से 2 करोड़ रुपए नकद हैं। पराग शाह की यह संपत्ति बीते पांच वर्षों में 575% तक बढ़ी है।  

पराग शाह की संपत्ति का बढ़ता ग्राफ
2019 में पहली बार विधायक बने पराग शाह ने तब अपनी संपत्ति 550.62 करोड़ घोषित की थी। अब, पांच वर्षों में यह बढ़कर 3383 करोड़ हो गई है। 2017 के बीएमसी चुनाव में उन्होंने अपनी संपत्ति 690 करोड़ रुपए बताई थी। लगातार बढ़ती संपत्ति और व्यापारिक विस्तार ने पराग शाह को एक अहम शख्सियत बना दिया है।

MICI ग्रुप के अध्यक्ष पराग शाह
पराग शाह के पास रियल एस्टेट कंपनी MICI ग्रुप का स्वामित्व है, जो पिछले 25 साल से चल रही है। उनकी कंपनी गुजरात और चेन्नई समेत कई शहरों में सक्रिय है और विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रही है। पराग शाह के व्यवसायिक कौशल ने उनकी संपत्ति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है, और इसी कारण वे महाराष्ट्र चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवार बने हैं।  

परिवार में भी संपत्ति का विस्तार
पराग शाह की पत्नी मानसी शाह के पास भी करोड़ों की संपत्ति है। उनके पास कई कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी हैं, जो इस परिवार की वित्तीय स्थिति को और मजबूत करती हैं। शाह परिवार की आर्थिक स्थिति उन्हें समाजसेवा में और अधिक निवेश करने का मौका देती है, जिससे वे राजनीति में भी खास पहचान बना चुके हैं।  

करोड़ों का कर्ज भी है जिम्मेदारी
किसी भी व्यवसायी की तरह, पराग शाह के ऊपर भी कुछ कर्ज हैं। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके ऊपर 54.14 करोड़ का कर्ज है। इसमें से 43.29 करोड़ का कर्ज उनके नाम पर है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर 10.85 करोड़ से अधिक का कर्ज है। कर्ज होने के बावजूद उनकी संपत्ति का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है, जो उनकी व्यापारिक कुशलता को दर्शाता है।  

आधी बचत समाजसेवा में लगा देते हैं पराग
मीडिया से बातचीत में पराग शाह ने बताया कि वे अपनी बचत का 50% से अधिक हिस्सा समाजसेवा के लिए दान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने उन्हें सबकुछ दिया है और अब वे अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इतनी बड़ी संपत्ति के बावजूद उनके पास अपनी खुद की गाड़ी नहीं है, जो उनकी जीवनशैली की सादगी को दर्शाता है। 

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर
महाराष्ट्र में भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों के लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ था, और यदि वही ट्रेंड विधानसभा चुनाव में भी जारी रहता है, तो भाजपा की सीटें कम हो सकती हैं। मराठा आंदोलन और शिवसेना-एनसीपी में फूट के बाद, लोग उद्धव ठाकरे और शरद पवार के प्रति सहानुभूति महसूस कर रहे हैं।