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प्राचीन कला केंद्र द्वारा सुरमयी संध्या का आयोजन किया गया। इसमें देश की जानी-मानी शास्त्रीय गायिका विदुषी शोभा चौधरी समेत संतूर वादक, कथक, बांसुरी वादक ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

भोपाल। कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्था प्राचीन कला केंद्र द्वारा कुक्कट भवन में एक विशेष संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जानी मानी शास्त्रीय गायिका विदुषी शोभा चौधरी, संतूर वादक निनाद अधिकारी, कत्थक नृत्यांगना अभिलाषा तिवारी और जाने-माने बांसुरी वादक पंडित सुन्दर लाल करेले और उनके सुपुत्र श्रोतिक करेले द्वारा युगल बांसुरी वादन पेश किया गया। इस कार्यक्रम में महँ ध्रुपद गायक पद्मश्री पंडित उमाकांत गुंदेचा  बतौर मुख्या अतिथि आए।

शास्त्रीय गायन की सामूहिक प्रस्तुति
कार्यक्रम में सबसे पहले कलांगन कला मंदिर के छात्रों द्वारा शास्त्रीय गायन की सामूहिक प्रस्तुति पेश की गई, जिसमें गणेश मंत्र, सरस्वती वंदना और गुरु वंदना पेश की गई। इसके उपरांत एक अन्य सेंटर इंडिया म्यूजिक अकादमी के छात्रों द्वारा तबला वादन पेश किया गया, जिसमें कायदे ,रेले , पालते की प्रस्तुति खास रही।

आलाप जड़ो एवं झाला की सुन्दर प्रस्तुति से सजा संतूर वादन 
इसके बाद पंडित सुन्दर लाल करेले और उनके सुपुत्र श्रोतिक करेले ने मंच संभाला और मधुर बांसुरी जुगलबंदी पेश करके दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। वहीं युवा संतूर वादक निनाद अधिकारी ने संतूर वादन पेश किया, जिसमें उन्होंने आलाप जड़ो एवं झाला की सुन्दर प्रस्तुति पेश की, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

सखी मन लगे न मोरा....
कार्यक्रम के अंतिम भाग में विदुषी  शोभा चौधरी ने मंच संभाला  और राग बागेश्री में पारम्परिक आलाप से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद विलम्बित एक ताल की रचना सखी मन लगे न मोरा पेश की। इसके बाद इन्होंने ने तीन ताल से सजी मध्य लय की रचना गुंड लाओ री मालनिया  प्रस्तुत की, जिसका दर्शकों ने खूब आनंद उठाया।  इसके उपरांत इन्होंने महाशिवरात्रि के अवसर पर चैती पेश की, जिसके बोल थे जोगिया के दरसन जाइए वे हो रमा गंगा किनारे और साथ ही एक भैरवी पेश की।
 

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