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बिजली बिल के लिए ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन काटा तो निगम ने कंपनी के सिटी सर्कल महाप्रबंधक का घर तोडऩे जेसीबी भेजी। भोपाल के अधिकारियों और ऊर्जा मंत्री की मध्यस्थता से विवाद सुलझा।

ग्वालियर. ग्वालियर में नगर निगम और बिजली कंपनी के बीच विवाद छिड़ गया है। बिजली कंपनी और निगम के बीच स्क्रैप का मामला इस कदर तूल पकड़ा कि मंगलवार को कंपनी महाप्रबंधक और निगम आयुक्त आमने-सामने आ गए। दोपहर को निगम के ट्रीट्रमेंट प्लांट की बिजली काट दी, शाम तक जब कनेक्शन नहीं जोड़ा गया तो निगम ने मदाखलत अमला जेसीबी के साथ बिजली कंपनी के सिटी सर्कल के महाप्रबंधक का घर तोडऩे भेज दिया। रात में विवाद भोपाल तक पहुंचा। आखिरकार जब बिजली कनेक्शन जोड़ दिया गया तब निगम ने जेसीबी वापस बुलाई गई।

मंगलवार को इसकी शुरूआत निगम के जलालपुर स्थित 145 एमएलडी सीवरेज प्लांट व पंपिंग स्टेशन से हुई, जहां दोपहर 3 बजकर 47 मिनट पर बिजली कंपनी ने कनेक्शन काट दिया। कनेक्शन काटे जाने की वजह सीवरेज प्लांट पर 65 लाख और पंपिग स्टेशन प्लांट पर 33 लाख रुपए बकाया होना बताई गई। शाम तक निगम आयुक्त व सीवरेज प्लांट प्रभारी बिजली कंपनी के अधिकारियों से कनेक्शन जोडऩे को कहते रहे, लेकिन शाम साढ़े छह बजे तक बिजली कंपनी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसके बादद निगम ने सहायक सिटी प्लानर, भवन अधिकारी, जेडओ, मदाखलत अधिकारी व अमले को बिजली कंपनी के सिटी सर्कल के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का रविनगर स्थित घर भिजवा दिया। जेसीबी उनके घर के सामने खड़ी कर दी गई और घर का निर्माण अवैध बताकर तोडऩे की मौखिक चेतावनी दी गई। इस बीच निगम आयुक्त ने भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला पहुंचाया। इधर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दोनों अधिकारियों से चर्चा कर मामला सुलझाया। रात 8 बजकर 10 मिनट पर बिजली कनेक्शन जोड़ दिया गया तब निगम ने महाप्रबंधक के घर के सामने से जेसीबी हटवाई।  

कनेक्शन जुडऩे तक वहीं डटे रहे निगम के अधिकारी 
बिजली कंपनी के सिटी सर्कल के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का घर तोडऩे शाम को मदाखलत नोडल अधिकारी डॉ अतिबल सिंह यादव, मदाखलत अधिकारी केशव सिंह चौाहान, सहायक सिटी प्लानर प्रदीप जादौन, भवन अधिकारी यशवंत मैकेले, क्षेत्रीय अधिकारी कार्तिक पटेल  व मदाखलत अमला जेसीबी लेकर पहुंचे। हालांकि उन्होंने तुड़ाई नहीं की, लेकिन मांगलिक के घर के बाहर जेसीबी को तब तक खड़ा करके रखा गया तब तक कनेक्शन नहीं जोड़ गया।

दो विस के चार वार्ड में भर जाता सीवर का पानी 
दरअसल, इस विवाद के बीच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की बिजली कटने से हालात बिगडऩे लगे। निगम की मानें तो प्लांट एक घंटे और बंद रहता तो वार्ड 7, 8, 11 व 13 सहित लोअर साइट के आसपास के क्षेत्र में गंदा पानी जमा हो जाता है। साथ ही धीरे-धीरे ग्वालियर और दक्षिण विधानसभा में गंदा पानी भर जाता।

100 करोड़ में बनाया 145 एमएलडी सीवरेज प्लांट
नगर निगम ने अमृत योजना फेज-1 के तहत तीन साल पूर्व 100 करोड़ की लागत से जलालपुर पर 145 एमएलडी सीवरेज प्लांट बनाया है। इस प्लांट पर दक्षिण व ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र का सीवरेज का गंदा पानी पाइप लाइन से आता है और प्लांट प्रतिदिन 90 एमएलडी पानी को ट्रीट करता है। वहीं इस पानी का उपयोग जलालपुर व महूजमार क्षेत्र के किसानों के खेती-किसानी के लिए दिया जाता है।

मामले को ऐसे समझिए...स्क्रेप से छिड़ा अफसरों में झगड़ा
बिजली कंपनी व निगम के बीच विवाद का मुख्य कारण पांच साल के स्क्रेप के बकाया एक करोड़ 2 लाख रुपए जमा नहीं होना है। इससे जहां बिजली कंपनी निगम को चार्जिंग स्टेशन के लिए कनेक्शन नहीं दे रही है, वहीं निगम उन पैसों को जमा होने की बात कह रहा है। इसको लेकर दोनों ने एक दूसरे को पत्र भी लिखे। वहीं बिजली कंपनी ने साफ कह दिया जब तक बकाया जमा नहीं तब तक कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि आयुक्त ने कंपनी के एमडी गणेश मिश्रा मुलाकात कर इस राशि को जमा होने के लिए कहा था, लेकिन अब वह इंकार कर रहे है। इसके बाद दोनों विभाग आमने-सामने आ गए और एक सप्ताह पूर्व निगम ने कलेक्ट्रेट व झांसी रोड से सडक़ चौडीकरण में बाधा बन रहे बिजली कंपनी के पांच पोल को हटाते हुए जब्त कर लिया। इसके बदले बिजली कंपनी के अधिकारियों ने मंगलवार को 145 एमएलडी सीवरेज प्लांट का बिजली बिल का 98 लाख जमा नहीं होने पर कनेक्शन काट दिया।

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