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Rajasthan News: झुंझुनूं के रहने वाले सेना के एक जवान का लेह-लद्दाख के गोला-बारूद डिपो में 8 मई को बम फटने से जान चली गई थी। जब उनका पार्थिव शरीर सूरजपुर गांव पहुंचा, तो शहीद का दर्जा न देने पर गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। हालांकि प्रसाशन और ग्रामीणों के बीच सहमति बन गई है।

Rajasthan News: झुंझुनूं के रहने वाले सेना के एक जवान का लेह-लद्दाख के गोला-बारूद डिपो में 8 मई को बम फटने से जान चली गई थी। जब उनका पार्थिव शरीर सूरजपुर गांव पहुंचा, तो शहीद का दर्जा न देने पर गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। ग्राणीणों ने मांग की, कि सैन्य सम्मान के साथ जवान की तिरंगा यात्रा निकाली जाए। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचकर बातचीत की जिसमें दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई। 

8 मई को लेह-लद्दाख के गोला-बारूद डिपो में बम फटने से झुंझुनूं निवासी नंदूसिंह (24) शहीद हो गए थे। शहीद का दर्जा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने सड़क जाम कर विरोध जताया था। ग्रामीणों का कहना था कि कोई भी जवान सरहद में देश के लिए मरता है, उसमें गलती नहीं देखी जाती, किस लिए शहीद हुआ है। सरकार ने जो शहीदों के साथ अत्याचार किया है, यह काफी शर्मसार है। जवान को शहीद का लिखित में दर्जा का आदेश दिया जाए। जब तक आदेश नहीं मिलेगा। पार्थिव शरीर को नहीं लेंगे।

मौके पर पहुंचे सूरजगढ़ विधायक
सूचना पाकर मौके पर सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार भी ग्रामीणों के बीच पहुंचे गए थे। उन्होंने कहा कि हमारे लाडले शहीद नंदूसिंह को जिस तरह से सरकार ने 2 सिपाही भेजकर प्राइवेट गाड़ी में पार्थिव शरीर भेजा है, यह शर्मसार है। जो जवान शहीद हो रहे हैं, उनको सिर्फ प्राइवेट गाड़ी में लेकर आना, शर्मसार है। विधायक ग्रामीणों के साथ मौके पर उपस्थित रहे।

बातचीत के बाद बनी सहमति
धरने पर बैठे ग्रामीणों के साथ एसडीएम दयानंद ने शव के साथ आए सैन्यकर्मी और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी से बात की। जिसमें निर्णय लिया गया कि नंदूसिंह राजपूत को नियमानुसार विभिन्न मद से लगभग 90 लाख रूपए का फंड दिया जाएगा, इसके अलावा परिजनों को पेंशन भी नियमानुसार पेंशन भी दी जाएगी। वहीं प्रशासन से हुई वार्ता के बाद ग्रामीणों ने धरने को वापस ले लिया। अन्तिम संस्कार के लिए तिरंगा यात्रा निकालकर रवाना हो गई है।

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