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Kota News: राजस्थान के कोटा में तीन साल की एक बच्ची की कार में दम घुटने से मौत हो गई। बच्ची को उसके माता-पिता भूलवश कार में छोड़ गए थे। शादी समारोह में 2 घंटे बिताने के बाद जब उन्हें बेटी नजर नहीं आई तो खोजबीन शुरू हुई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

Kota News: राजस्थान के कोटा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकला एक कपल ने भूलवश अपनी तीन साल की बच्ची को कार में छोड़ दिया। जाते-जाते कॉर को लॉक भी कर दिया। 2 घंटे के बाद जब उन्हें होश आया तो काफी देर हो चुकी थी। मां-बाप जब कार तक पहुंचे तो मासूम बच्ची बेसुध पड़ी थी। अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है। उन्हें अपनी भूल पर पछतावा हो रहा है। 

खातौली थाना क्षेत्र के जोरावरपुरा गांव का मामला
यह पूरा मामला कोटा जिले के खातौली थाना क्षेत्र के जोरावरपुरा गांव है। इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले प्रदीप नागर अपनी पत्नी ज्योति और दो बेटियों गौरी (7 साल) और गर्वी (3 साल) के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए बुधवार शाम जोरावरपुरा गांव गए थे। कार से ज्योति अपनी दो बेटियों को लेकर उतरी। लेकिन गर्वी खेलते खेलते दोबारा कार में बैठ गई। यह न तो ज्योति देख पाई और न ही यह बात प्रदीप को पता थी। 

जब पति-पत्नी मिले तो बेटी के बारे में पूछा
खतोली पुलिस स्टेशन के SHO बन्ना लाल ने कहा कि प्रदीप नागर अपनी कार पार्क करने चले गए। यह मानकर कि दोनों बेटियां अपनी मां के साथ कार्यक्रम स्थल के अंदर गई हैं। पिता ने कार को लॉक किया और समारोह में शामिल होने के लिए चले गए। लगभग दो घंटे तक प्रदीप और ज्योति अलग अलग लोगों से मिलने में मशगूल रहे। आखिरकार जब वे एक-दूसरे से मिले तो उन्होंने एक-दूसरे से अपनी छोटी बेटी गर्वी के बारे में पूछा। पुलिस ने कहा, जब उन्हें पता चला कि वह उनमें से किसी के साथ नहीं है, तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू कर दी।

पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार
प्रदीप बेटी को खोजते खोजते अपनी कार के पास पहुंचे। उन्होंने उसे कार की पिछली सीट पर बेहोश पाया और उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कहा कि माता-पिता ने शव परीक्षण कराने से इनकार कर दिया है और पुलिस मामला दर्ज नहीं कराने का भी फैसला किया है।
 

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