Central Bureau of Investigation: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहलोत सरकार के फैसले को पलट दिया। सरकार के इस निर्णय के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) अब राजस्थान में बेरोकटोक जांच और कार्रवाई कर सकेगी। अब तक उसे किसी भी मामले में जांच के लिए राज्य सरकार से सहमति लेनी होती थी। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने 19 जुलाई 2020 को सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से दी गई अनुमति को वापस ले ली थी। CM भजनलाल ने गुरुवार को पुन: यह अनुमति दे दी। 

गृह विभाग से अधिसूचना जारी होने के बाद सीबीआई भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी। राजस्थान की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रही है। यही वजह है कि उसने सीबीआई को बिना किसी अड़चन के जांच और कार्रवाई करने की छूट दे दी। इससे न सिर्फ भ्रष्टाचार मामलों की जांच और कार्रवाई में तेजी आएगी, बल्कि भ्रष्टाचारियों में भय भी पैदा होगा। गड़बड़ी करने से पहले उन्हें चार बार सोचना पड़ेगा। 
सीबीआई टीम की प्रतीकात्मक तस्वीर

यह है नियम 
दरअसल, सीबीआई से संबंधित दिल्ली विशेष पुलिस के स्थापना अधिनियम 1946 में प्रावधान है कि किसी प्रदेश में कार्रवाई से पहले सीबीआई राज्य सरकार की सहमति जरूरी है। राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर इसके लिए स्थायी तौर पर सहमति दे दी थी, लेकिन 19 जुलाई 2020 को गृह विभाग ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देकर राज्य में सीबीआई कार्रवाई पर रोक के लिए आदेश जारी किया था। इस दौरान सीबीआई कार्रवाई के लिए पूर्व में दी गई स्थायी सहमति वापस ले ली थी।