श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला का मंदिर बनकर तैयार है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 को है। राजस्थान के कलाकारों ने भगवान के लिए मार्बल व सोने का सिंहासन तैयार किया है।
श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में नवनिर्मित में मंदिर में रामलला के लिए मारवल और सोने की प्लेट से तैयार किया गया सिंहासन
लखनऊ। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। 22 जनवरी को होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में रह रहे राम भक्त भी बनना चाहते हैं। अयोध्या में भी विशेष तैयारियां चल रही हैं। नवनिर्मित मंदिर में रामलला का सिंहासन भी बनकर तैयार हो गया है। श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का काम अंतिम दौर में है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेशन भी तैयार
अयोध्या में भव्य रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी सर्व सुविधाओं से सुसज्जित रेलवे स्टेशन भी जनता को सौंपेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इससे पहले अयोध्या नगरी खुशियों के दीपों से जगमगाएगी।
सफाई कर्मचारियों से मिले डिप्टी सीएम
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार सुबह अयोध्या पहुंचे। डिप्टी सीएम ने यहां रामलला प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जायजा लिया। साथ ही सरयू घाट राम की पहाड़ी पर साफ सफाई कर रहे कर्मचारियों से मुलाकात की। कहा, भाजपा के सभी कार्यकर्ता जनता के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान में लगे हैं। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी श्री राम इंटरनेशनल हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे।
#WATCH अयोध्या: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरयू घाट और राम की पैड़ी पर सफाई कर्मियों से मुलाकात की। pic.twitter.com/eQdYc8LSaj
समारोह को न दें राजनीतिक रूप
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारतीय कमन्युष्ट पार्टी एम के नेता शामिल नहीं होंगे। सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा, हम धर्म पर विश्वास करते हैं, लेकिन इसे राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं है। वृंदा करात ने कहा, प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भी राजनीतिक रूप दिया जा रहा है।
#WATCH | Delhi: CPI(M) leader Brinda Karat says, "Our party will not attend the 'Pran Pratishtha' ceremony of Ram Temple in Ayodhya...We respect the religious beliefs but they are connecting a religious programme with politics...This is the politicization of a religious… pic.twitter.com/K7EoNZnhxL