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Ayodhya Ram Mandir Ram Lalla: अरुण योगिराज ने कहा, 'जब मैंने रामलला की मूर्ति बनाई तो अलग थे। लेकिन जब प्राण प्रतिष्ठा हुई, प्रतिमा के भीतर प्राण फूंके गए तो वे बिलकुल अलग लग रहे थे। मुझे लगा कि जिस मूर्ति को मैंने बनाया था, वह यह नहीं है। ये मेरा काम नहीं है।

Ayodhya Ram Mandir Ram Lalla: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पूरी दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं। इस बीच रामलला की प्रतिमा को बनाने वाले मैसूर के मूर्तिकार रुण योगिराज ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब मैंने रामलला के दर्शन किए तो वे बिलकुल बदल चुके थे। उनके आभा मंडल पर अद्भुत चमक थी। लल्ला की छवि बिल्कुल अलग दिख रही थी। मुझे ऐसा लगा कि यह मेरा काम नहीं है। सब भगवान ने कराया है। 

अरुण योगिराज ने कहा, 'जब मैंने रामलला की मूर्ति बनाई तो अलग थे। लेकिन जब प्राण प्रतिष्ठा हुई, प्रतिमा के भीतर प्राण फूंके गए तो वे बिलकुल अलग लग रहे थे। मुझे लगा कि जिस मूर्ति को मैंने बनाया था, वह यह नहीं है। ये मेरा काम नहीं है। ये तो बहुत अलग दिखते हैं। भगवान ने अलग रूप ले लिए हैं। 

जो मेरे लल्ला ने आदेश दिया, वही काम मैंने किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की। इसके बाद उन्होंने भगवान राम के चेहरे पर बंधी पट्टी को हटाया। यह पहला क्षण था, जब पूरी दुनिया ने भगवान राम के बालस्वरूप की नई प्रतिमा को देखा। योगीराज ने कहा कि जब वह मूर्ति बना रहे थे तो वह सिर्फ राम लला के आदेशों का पालन कर रहे थे। मेरे लल्ला ने मुझे आदेश दिया, मैंने उसका पालन किया।

योगीराज ने रामलला की प्रतिमा को सात महीने की कड़ी मेहनत से तैयार किया। उन्होंने कहा कि मूर्ति को आकार देने में सबसे बड़ी चुनौती थी कि मूर्ति को कैसे पूरा किया जाए, जिसमें बाल स्वरूप भी हो। मंद मुस्कान हो, राजसी ठाठ भी हो। मूर्ति में मासूमियत भी हो। योगीराज ने बताया कि वह अपने दोस्तों से पूछते थे कि क्या रामलला की आंखें ठीक दिखती हैं। क्योंकि पत्थर में भाव लाना आसान नहीं है। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं पत्थर के साथ बहुत समय बिताऊंगा। अपना होमवर्क करूंगा। बच्चों की विशेषताओं का अध्ययन करूंगा। बाकी सब कुछ राम लल्ला के कारण हुआ।

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