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Kids Heat Illness: नौतपा में भीषण गर्मी बच्चों की सेहत बिगाड़ रही है। बरेली के सरकारी अस्पतालों में रविवार को आयोजित आरोग्य मेले में 702 बच्चे डायरिया पीड़ित मिले। जो कि पिछली बार से काफी आधिक हैं। बच्चों में स्किन, सांस और सर्द गर्म की समस्या भी देखने को मिल रही है।

Kids Heat Illness: नौतपा में पड़ रही भीषण गर्मी बच्चों की सेहत बिगाड़ रही है। उनकी देखभाल में जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। रविवार को बरेली के सरकारी अस्पतालों में आयोजित आरोग्य मेले में 702 बच्चे डायरिया से पीड़ित मिल। जबकि, पिछले रविवार 544 बच्चे ही उपचार के लिए पहुंचे थे। गंभीर हालत पर बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया ज रहा है, इसलिए बच्चा वार्ड फिर फुल है। 

करीब महीनेभर से MP-यूपी सहित पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। रविवार को राजस्थान में कुछ जगह तापमान 50  डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया। ऐसे में बच्चों की बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। जिला अस्पताल में बीमार बच्चों की भारी भीड़ है। रविवार को आरोग्य मेले में बड़ी संख्या में बच्चे उपचार के लिए पहुंचे। बहेड़ी, फरीदपुर, नवाबगंज, क्यारा, आवंला, क्योलडिया, मीरगंज, फतेहगंज सहित अन्य अस्पतालों में सर्द-गर्म, उल्टी, दस्त, त्वचा और सांस संबंधी रोगों से पीड़ित बच्चे उपचार के लिए पहुंचे। 

फरीदपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अनुराग गौतम ने बताया, रविवार को इलाज के लिए पहुंचे कुल 88 मरीजों में 36 बच्चे थे। कुछ को त्वचा संबंधी परेशानी थी। बहेड़ी सीएचसी अधीक्षक डॉ. अजमेर सिंह ने कहा, मेले में 69 मरीज इलाज के लिए आए थे, इसमें से 24 बच्चे शामिल हैं। 

आंखों में संक्रमण हो तो ऐसे करें उपाय 
भीषण गर्मी के चलते कंजक्टिवाइटिस यानी आंख की समस्या भी बढ़ रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय ने बताया कि गर्मी में आंखों की उचित देखभाल न हो पाने से संक्रमण हो जाता है। आईड्रॉप व एलर्जी की दवा साथ रखें। दिन में तीन-चार बार आंखों को धोते रहें। धूप में चश्मा लगाकर ही निकलें। तकलीफ बढ़े तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

बच्चों को ऐसे बचाएं गर्मी से 
गर्मी सीजन में डायरिया पीड़ित बच्चों की तादाद बढ़ गई है। अस्पतालों में अतिरिक्त बेड़ लगाने पड़े हैं। डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि गर्मी में बच्चों की विशेष देखभाल जरूरी है। बच्चे को रोजाना नहलाएं, लेकिन पानी का टेम्परेचर सही होना चाहिए। उन्हें सूती और ढीले कपड़े पहनाएं। स्किन हाइड्रेट रहे, इसलिए मॉश्चराइजर लगाना न भूलें। 

ये हैं बचाव के सुझाव

  • हल्के सूती वस्त्र पहनाएं। हर घंटे पानी पिलाते रहें। 
  • घर में ओआरएस के पैकेट रखें। दस्त हों तो पिलाएं।
  • सुबह 11 से शाम 5 बजे तक धूप में न जाने दें।
  • घर के एक कमरे को ठंडा बनाएं और उन्हें वहीं बच्चों रखें।
  • सिरदर्द, चक्कर, बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं।

घर को रखें ठंडा 

  • घर को ठंडा रखने फर्श और छत की नियमित धुलाई करें। साथ ही 
  • पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें। 
  • वेंटीलेशन के लिए रात में खिड़कियां खुली रखें। पंखे और गीले कपड़ों का प्रयोग करें। 


ऐसे रखें स्वस्थ 

  • हीट स्ट्रोक के लक्षण से अवगत रहें। भोजन की बजाय तरल पेय पदार्थ का सेवन बढ़ाएं। स्वच्छता, पानी और छाया का भी ख्याल रखें। 
  • दिन में ऊपरी फ्लोर पर जानें से बचें। बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क वाहन में न छोड़ें। 
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