UP Govt Employees News: उत्तर प्रदेश में संपत्ति का ब्यौरा न देने पर 2.44 लाख कर्मचारियों का वेतन भुगतान रोक दिया गया था, लेकिन योगी सरकार के इस आदेश से हड़कंप मच गया। कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए राज्य की योगी सरकार बैकफुट पर आ गई। उसने न सिर्फ सम्पत्ति की जानकारी साझा करने कर्मचारियों को एक और मौका दिया, बल्कि 16 घंटे के अंदर अपना ही आदेश रद्द कर वेतन जारी करने के लिए निर्देशित किया है।
दरअसल, मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक हर हाल में मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा अपलोड करने के आदेशित किया था, लेकिन यूपी के 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया है। जिसके बाद शेष कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया। शासन ने मंगलवार सुबह एक नया आदेश जारी किया है। इसके अनुसार, कर्मचारी अब 30 सितंबर तक अपनी सपंत्ति का ब्योरा दर्ज कर सकेंगे।
17 अगस्त हुए वेतन रोकने के आदेश
मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को आदेश जारी कर कार्मिकों को संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश दिए थे। सभी विभाग प्रमुखों को भी आदेशित किया गया था कि 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों का अगस्त माह का वेतन भुगतान न किया जाए। उत्तर प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं। इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा अपलोड किया है।
संपत्ति छिपाने में शिक्षा विभाग के कर्मचारी आगे
संपत्ति का ब्यौरा देने में टैक्सटाइल, सैनिक कल्याण, खेल, ऊर्जा, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी आगे हैं। जबकि, संपत्ति छिपाने के मामले में शिक्षा विभाग के कर्मचारी आगे निकले। सम्पत्ति संबंधी जानकारी साझा करने में बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग के कर्मचारी सबसे फिसड्डी साबित हुए।
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15 फीसदी कर्मचारी पहले ही दे चुके थे जानकारी
यूपी के 131748 यानी 15 फीसदी राज्य कर्मचारी 17 अगस्त को आदेश जारी होने से पहले ही पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी दर्ज कर चुके थे। 20 से 31 अगस्त 11 दिन में यह आंकड़ा बढ़कर 71 फीसदी हो गया। एक अधिकारी ने बताया, संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। सभी विभागों को इसका अनुपालन अनिवार्य तौर करने की हिदायत दी गई थी।
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गृह विभाग ने मांगा अतिरिक्त समय
पुलिस मुख्यालय के डीजीपी ने नियुक्ति विभाग को पत्र लिखकर कर्मचारियों का संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कुछ और समय मांगा है। बताया कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिसकर्मी समय से संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए। गृह विभाग के लिए यह तिथि बढ़ाई जा सकती है।
संपत्ति का ब्यौरा देने पर ही मिलेग वेतन
जानकारों की मानें तो अधिकारी-कर्मचारियों का रोका गया वेतन, तभी जारी होगा जब वह अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर देंगे। संबंधित विभाग कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा मिलने के बाद ही वेतन जारी करने संबंधी फैसला शासन से वार्ता के बाद लेगा।