Meerut College: उत्तर प्रदेश के मेरठ विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा में पूछे गए एक सवाल से बवाल मचा हुआ है। इस सवाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना को जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और दल खालसा जैसे कट्टरपंथी संगठनों से की गई है। विद्यार्थी परिषद के विरोध के बाद विवि प्रशासन ने पेपर बनाने वाली प्रोफेसर सीमा पंवार को मूल्यांकन कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है।
संघ की उत्पत्ति पर सवाल
दरअसल, मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में परीक्षाएं चल रही हैं। 2 अप्रैल को दूसरे सेमेस्टर के छात्रों की राजनीति विज्ञान की परीक्षा थी। इसमें छात्रों से आरएसएस से जुड़ा एक सवाल पूछा गया, जिसमें संघ की उत्पत्ति धार्मिक और जाति आधारित राजनीति से बताई गई है। साथ ही विकल्प के तौर पर जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और दल खालसा जैसे कट्टर पंथी संगठनों का नाम शामिल किया गया है।
विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन सौंपा
सवाल की जानकारी लगते ही आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने आपत्ति जताई। साथ ही प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांगी। शुक्रवार (4 अप्रैल) को उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए रजिस्ट्रार को ज्ञापन भी सौंपा।

प्रोफेसर ने लिखित में मांगी माफी
विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुताबिक, यह प्रश्न पत्र मेरठ कॉलेज की प्रोफेसर सीमा पंवार ने तैयार किया था। इस पर उन्होंने अपनी गलती मानी है। रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा के मुताबिक, प्रोफेसर पंवार ने लिखित में माफी मांगी है। कहा, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मेरा इरादा नहीं था।
प्रश्न-पत्र बनाने और मूल्यांकन कार्य से पृथक
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने मामले की गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा ने बताया, प्रोफेसर सीमा पंवार को प्रश्न-पत्र बनाने और मूल्यांकन कार्य से पृथक कर दिया गया है। भविष्य में वह कोई भी प्रश्न पत्र तैयार और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर पाएंगी। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया है कि दोबारा न ऐसी घटना नहीं होगी, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।