Fake Tomato Sauce in UP: फास्ट फूड और नास्ते में यदि आप भी टोमैटो सॉस का उपयोग करते हैं तो सावधान हो जाइए। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में टोमैटो सॉस बनाने वाली नकली फैक्ट्री मिली है। जहां से 800 किलो नकली टोमैटो सॉस जब्त किया गया है। 

खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि टोमैटो सॉस यहां टमाटर की बजाय सिंथेटिक कलर, मकई के आटे और अरारोट से तैयार किया जा रहा था। जो कि सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। 

किडनी और लिवर में हो सकती है परेशानी 
पेटीज, बर्गर, चाऊमीन और सैंडविच जैसे जंकफूड के साथ टोमैटो सॉस का जमकर उपयोग किया जाता है। लेकिन यह सॉस आपकी सेहत खराब कर सकता है। सिंथेटिक कलर युक्त टोमैटो सॉस से किडनी और लिवर संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक
नकली टोमैटो सॉस बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। उनमें अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी बीमारी हो सकती हैं। इससे एकाग्रता में कमी, व्यवहार में बदलाव, ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम हो सकता है।  

नकली टोमैटो सॉस की ऐसे बचें  

  • बाजार में अच्छी क्वालिटी का टोमैटो सॉस 100 रुपए किलो मिलता है, लेकिन नकली टोमैटो सॉस 20 से 30 रुपए प्रति किलो उपलब्ध है।  सड़क किनारे स्थित फास्टफूड कॉर्नर्स, छोटे रेस्टोरेंट, ढाबे और होलसेल दुकानदार सस्ते दाम में सॉस खरीदना चाहते हैं। इसलिए यहां नकली सॉस होने की आशंका ज्यादा होती है।  
  • टोमैटो सॉस उपयोग करने से पहले उसकी बॉटल पर एक्सपायरी डेट, मैन्युफैक्चरर कंपनी और ब्रांड का नाम जरूर देख लें। क्योंकि स्वाद और अच्छी क्वालिटी का दिखाने के लिए कुछ लोग आर्टिफिशियल कलर्स डालते हैं।
  • असली टोमैटो सॉस टमाटर की ग्रेवी, लाल मिर्च, शुगर, विनेगर और नमक से तैयार किया जाता है। इसे गाढ़ा करने के लिए कॉर्न सिरप या अन्य सब्जियों की ग्रेवी मिलाई जाती है। जबकि, नकली टोमैटो सॉस में आर्टिफिशियल कलर और स्वीटनर का उपयोग किया जाता है। इसकी पहचान आसान नहीं है।  
  • फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से प्रमाणित कंपनी का टोमैटो सॉस ही खरीदें। शुगर और नमक की मात्रा कम हो। खुली बोतलों में बिक रहा टोमैटो सॉस बिल्कुल न खरीदें।