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Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने बड़ा बयान दिया है। शिवपाल ने कारसेवकों पर फायरिंग को जायज ठहराते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन हुआ था। संविधान की रक्षा के लिए मुलायम सरकार ने गोलियां चलवाई थीं।

लखनऊ। अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने बड़ा बयान दिया है। सपा महासचिव शिवपाल यादव ने कारसेवकों पर फायरिंग को जायज ठहराया। शिवपाल ने तत्कालीन सपा की मुलायम सिंह यादव सरकार का बचाव किया और कहा, संविधान की रक्षा के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई गई थी। जब कोर्ट का ऑर्डर यथास्थिति बनाए रखने के लिए था और उसका उल्लंघन किया तो इस पर कार्रवाई की गई थी। शिवपाल ने यह भी कहा कि संविधान की रक्षा की गई थी। कोर्ट के आदेश का पालन हुआ था। 

22 जनवरी के बाद परिवार सहित रामलला के करेंगे दर्शन 
शिवपाल ने कहा कि कारसेवकों ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया था। इस पर मुलायम सरकार ने संविधान की रक्षा के लिए गोलियां चलवाई थीं। कारसेवकों ने मस्जिद का ढांचा तोड़ा था, इस पर प्रशासन की जिम्मेदारी थी। उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी पर कार्रवाई नहीं गई। शिवपाल ने राम मंदिर जाने के सवाल पर कहा कि यह बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम है। 22 के बाद पूरे परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे और रामलला का दर्शन करेंगे। शिवपाल ने आगे कहा कि हम लोग राम को मानते हैं। जितने भी देवी देवता हैं उनको भी मानते हैं।  शिवपाल ने कहा कि बीजेपी झूठ फैल रही है। 

भाजपा ने एक्स पर लिखा-सपाइयों की परंपरा है सिर्फ सनातन का विरोध
 इधर उत्तरप्रदेश भाजपा ने शिवपाल पर हमला बोला है। BJP ने एक्स पर Tweet कर लियाा है कि भतीजे के सनातन विरोधी बयान के बाद चाचा के भी विवादित बोल...। शिवपाल सिंह यादव को जिस गोलीकांड के लिए रामभक्तों से माफी मांगनी चाहिए थी, उसे वो अपना कर्तव्य बता रहे हैं। सनातन आस्था पर विश्वास रखने वाली जनता इन सपाइयों को कभी माफ नहीं करेगी। वो तब भी रामभक्तों के खिलाफ थे, वो आज भी रामभक्तों के विरोध में हैं। सपाइयों की परंपरा है सिर्फ सनातन का विरोध...ये कैसे हिंदू हैं।

BJP Tweet

मौर्य ने कहा था-तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया 
बता दें कि इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कारसेवकों पर 1990 में हुई फायरिंग की घटना पर को जायज बताया था। सपा नेता ने कहा था कि तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था, उन्होंने कहा था कि जिस समय अयोध्या में यह घटना घटी थी। वहां पर बिना किसी न्यायपालिका या प्रशासनिक के आदेश के अराजतक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी।

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