UP Byelection 2022 BJP Candidates: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव के लिए 7 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में गाजियाबाद से महानगर बीजेपी अध्यक्ष संजीव शर्मा और करहल से अनुजेश यादव को टिकट मिला है। उपचुनाव के लिए नामांकन पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर को है। मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को किए जाएंगे।
बता दें कि यूपी में कुल 9 सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें से सात सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। वहीं, पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कानपुर और सीसामाउ के कैंडिडेट पर अब भी मंथन जारी है।
गाजियाबाद से संजीव शर्मा को मिला मौका
गाजियाबाद सीट से पार्टी ने संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जो महानगर बीजेपी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। शर्मा पार्टी में लंबे समय से जुड़े हुए हैं और उनके संगठनात्मक कौशल को देखते हुए उन्हें इस महत्वपूर्ण सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। गाजियाबाद बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और यहां से जीत की उम्मीद की जा रही है।
यहां देखें किसे कहां से मिला टिकट:
करहल से अनुजेश यादव चुनावी मैदान में
करहल सीट से बीजेपी ने अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है। करहल समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में जाना जाता है, लेकिन बीजेपी ने इस बार अनुजेश यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। यह सीट राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है और यहां कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
कुंदरकी और खैर सीटों पर भी उम्मीदवार घोषित
BJP ने कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर और खैर (अजा) सीट से सुरेंद्र दिलेर को उम्मीदवार बनाया है। खैर अनुसूचित जाति (अजा) के लिए आरक्षित सीट है और सुरेंद्र दिलेर पहले भी इस क्षेत्र में सक्रिय राजनीति में रहे हैं। रामवीर सिंह ठाकुर कुंदरकी से पार्टी के प्रमुख चेहरा हैं और उनकी उम्मीदवारी को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा है।
फूलपुर, कटेहरी और मझवा से उम्मीदवारों का ऐलान
फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवा से सुचिस्मिता मौर्या को टिकट दिया गया है। इन उम्मीदवारों को क्षेत्रीय मुद्दों और पार्टी की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए चुना गया है। बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरुवार की सुबह उपचुनाव के लिए इन उम्मीदवारों की ऑफिशियल लिस्ट जारी की।
BJP की रणनीति और चुनावी तैयारी
BJP ने इन उपचुनावों में अपने उम्मीदवारों के चयन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ख्याल रखा है। पार्टी की कोशिश है कि हर क्षेत्र में मजबूत उम्मीदवारों को उतारकर एक बार फिर सत्ता पर पकड़ मजबूत की जाए। आगामी उपचुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन यह तय करेगा कि पार्टी की जमीनी पकड़ किस हद तक मजबूत है।