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Success Story: आजकल कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे युवाओं को मां- बाप सिर्फ सफल होना देखना चाहते हैं। वहीं मध्य प्रदेश के एक आईएस ( IAS ) ने अपनी बेटी की असफलता पर जो चिट्ठी लिखी है, जो सभी अभिवावकों के लिए मिसाल का काम करेगी।

Success Story: यूपीएससी (UPSC) में असफल हुई एक बेटी को IAS पिता ने चिठ्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा कि तुम failure नहीं हो। तुमने ऊंचा लक्ष्‍य ही चुना था और देशभर के सबसे प्रतिभाशाली और मेहनती अनारक्षित वर्ग के युवाओं के बीच अपना स्‍थान बनाया। IAS पिता द्वारा बेटी के लिए लिखी यह चिठ्ठी युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी।

आजकल कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे युवाओं को मां- बाप सिर्फ सफल होना देखना चाहते हैं। वहीं मध्य प्रदेश के एक आईएस (IAS) ने अपनी बेटी की असफलता पर जो चिट्ठी लिखी है, जो सभी अभिवावकों के लिए मिसाल का काम करेगी। उन्होंने चिठ्ठी में लिखा कि बेटी श्रुति तुम failure नहीं हो! आपने यूपीएससी (UPSC) में अच्छे नंबर स्कोर किए, लेकिन सिलेक्शन नहीं हो सका। 

होम सेक्रेटरी हैं पिता
चिठ्ठी लिखने वाले मध्यप्रदेश के होम सेक्रेटरी ओमप्रकाश श्रीवास्तव हैं, उनकी बेटी श्रुति ने यूपीएससी (UPSC) में असफल होने के बाद फेसबुक में एक पोस्ट लिखा, कि पर्सनैलिटी टेस्ट होने के बाद उम्मीद थी कि सिलेक्शन हो जाएगा। इसके बाद 5 अप्रैल को यूपीएससी दफ्तर धौलपुर हाउस पर खड़े होकर कुछ फोटोग्राफ भी लिए थे। कि जब सिलेक्शन हो जाएगा, तब उन फोटोज का इस्तेमाल करुंगी, लेकिन अफसोस अंतिम सूची में शामिल नहीं हो सकी। उन्होंने एक फोटो शेयर करते हुए आगे लिखा कि चयन नहीं हुआ फिर भी ये तस्वीरें पोस्ट कर रही हूं, क्योंकि मैं अपने इस असफलता को छुपाना नहीं चाहती, मैं इसे स्वीकार करना चाहती हूं, इसे... इसे मेरा हिस्सा बनाते हुए मेरे साथ आगे बढ़ो। 

IAS पिता का ने दिया जवाब
श्रुति की पोस्ट के बाद उनके पिता IAS ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने फेसबुक पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि नहीं श्रुति ! तुम्हारी failure नहीं है। तुमने एक ऊंचा लक्ष्य अपने सामने रखा था और देश भर के सबसे प्रतिभाशाली और मेहनती अनारक्षित वर्ग के उन हजारों युवाओं के बीच अपना स्थान बनाया, जो इस कठिन परीक्षा के अंतिम चरण तक पहुंचे। इसे ही भाग्य कहते हैं। 

उन्होंने आगे लिखा कि तुमने पहले भी सिविल सर्विस के main exams दिये हैं और जिस पेपर में हमेशा तुम्हारे 125 के लगभग नंबर आते रहे हैं और इस बार उससे भी अच्छा पेपर जाने के बाद भी अनुमानित 135 नंबर के स्थान पर मात्र 103 नंबर मिलना केवल भाग्य ही है, जिस कारण तुम किनारे तक पहुचकर भी इस लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना पाई।

श्रुति तुम्हारा ज्ञान, मेहनत और व्यक्तित्व किसी भी चयनित प्रत्याशी से बिल्कुल भी कम नहीं है। जिस प्रकार से रिजल्ट घोषित होने के दो दिन बाद ही तुमने पारिवारिक विवाह समारोह में भाग लिया, डांस किया और किसी को महसूस भी नहीं होने दिया। वह अद्भुत है। यही जज्बा तुम्हें समाज में अच्छा स्थान दिलायेगा।

उन्होंने यह भी लिखा कि सिविल सेवा बहुत कुछ है, वह आर्थिक, समाज में पहचान और सम्मान दिलाती है लेकिन वही सब कुछ नहीं है। भारत के कितने केबिनेट सेक्रेटरी को लोग जानते हैं, लेकिन बाबा आम्टे, विनोबा जी जैसे लोग अमर हो जाते हैं। इसलिए समाज के निचले तबके में जीने वाली महिलाओं और बच्चों के प्रति करुणा का मेल हो जाने से तुम्हारा व्यक्तित्व और विराट होने वाला है। हम सब इसकी
काफी समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं। 

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