Ali Khamenei Friday sermon: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में शामिल हुए। खामेनेई ने पांच साल बाद शुक्रवार(4 अक्टूबर) को देश को संबोधित किया। बता दें कि इजरायल पर ईरान के हमले के बाद पहली बार खामनेई ने देश को लोगों को संबोधित किया। खामनेई का यह संबोधन इजरायल-हमास युद्ध की पहली वर्षगांठ के ठीक पहले हो रहा है।
दुनिया के मुसलमान एकजुट रहें: खामनेई
खामेनेई ने इस मौके पर कहा कि दुनिया के मुसलमान एजकुट रहे। मुलसमान अगर साथ रहेंगे तो उनका भला होगा। खामेनेई ने कहा कि हम इजरायल के खिलाफ हो रहे जंग में हम हिजबुल्लाह के साथ हैं। खामनेई ने कहा कि अल्लाह के बताए रास्ते पर रहें। सभी मुसलिम भाई साथ रहें। जब वक्त आएगा तो हम क्रूर इजरायल के साथ अपना इंतकाम लेकर रहेंगे। मैं अपने अरब मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि वह मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचारों पर एकजुट रहें।
'फिलिस्तीन पर दुश्मनों का कब्जा'
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने अपने संबोधन में इजरायल और फिलिस्तीन के मसले पर बड़ा बयान दिया। खामेनेई ने कहा कि फिलिस्तीन पर दुश्मनों ने कब्जा कर रखा है और फिलिस्तीन को अपना हक वापस लेने का पूरा अधिकार है। खामेनेई ने मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि ईरान से लेकर लेबनान तक के मुसलमानों को मिलकर दुश्मनों का सामना करना होगा।
"हम दुश्मनों के इरादों को सफल नहीं होने देंगे"
खामेनेई ने इजरायल को सभी मुसलमानों का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। यह सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि फिलिस्तीन और यमन का भी दुश्मन है। खामनेई ने कहा कि ईरान दुश्मनों के मंसूबों को सफल नहीं होने देगा। इजराइल और उसके समर्थक मुसलमानों के खिलाफ शैतानी राजनीति को बढ़ावा देना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।
"मुसलमानों को एकजुट रहना होगा"
अपने संबोधन की शुरुआत में खामेनेई ने मुसलमानों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अल्लाह के दिखाए रास्ते से भटकना नहीं चाहिए। एकजुटता के बिना दुश्मनों का सामना नहीं किया जा सकता। खामेनेई ने कहा कि हमें प्यार और भाईचारे के साथ रहना चाहिए ताकि दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम किया जा सके।
तेहरान में नसरल्ला के समर्थन में लगे नारे
ईरान की राजधानी तेहरान के ग्रैंड मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग खामेनेई का भाषण सुनने के लिए इकट्ठा हुए। लोग हाथों में हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ हसन नसरल्लाह के पोस्टर लेकर आए थे,नसरल्लाह के समर्थन में नारेबाजी करते हुए, जनता ने दुश्मनों के खिलाफ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया।
इजरायल को जवाब देना जरूरी था: खामनेई
खामेनेई ने कहा कि इजराइल द्वारा किए गए हमले के बाद ईरान ने मिसाइलों से जवाब दिया। खामनेई ने कहा कि यह जवाब देना जरूरी थी क्योंकि इजरायल लगातार मुसलमानों पर जुल्म कर रहा है। इजरायल हमारे सारे दुश्मनों में सबसे बड़ा है और हमें मुसलमानों की रक्षा करनी है। मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करनी है।
इजराइल-हमास युद्ध की वर्षगांठ से पहले बड़ा बयान
खामेनेई ने इजरायल-हमास युद्ध की वर्षगांठ से तीन दिन पहले यह भाषण दिया। ईरान समर्थित हमास ने बीते साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद युद्ध छिड़ गया था। इस बार ईरान ने सीधे इजरायल को निशाना बनाते हुए करीब 200 मिसाइलें दागीं। इसके बाद इजरायल ने भी पलटवार करते हुए लेबनान में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह का काम तमाम कर दिया। इसके बाद से ही ईरान और उसके समर्थक गुट इजरायल के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।
हिजबुल्लाह और हमास को ईरान का समर्थन
खामनेई तेहरान के इमाम खोमैनी ग्रैंड मस्जिद से देश को संबोधित किया। खामनेई ने हिजबुल्लाह के दिवंगत नेता हसन नसरल्लाह की याद में एक श्रद्धांजलि सभा में भी हिस्सा लिया। ईरान ने नसरल्लाह की मौत को "गंभीर क्षति" बताया है। ईरान की इस प्रतिक्रिया को उसकी क्षेत्रीय नीति और इजराइल विरोधी गठबंधन की मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है। ईरान की सेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पहले ही इजरायल पर हमले की चेतावनी दे चुके हैं।