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America Earthquake: अमेरिका में सोमवार (14 अप्रैल) की आधी रात धरती कांपी। दक्षिणी कैलिफोर्निया में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। जोर के झटके लगे तो अफरा-तफरी मच गई। लोग सहम उठे। घरों से बाहर भागे।

America Earthquake: अमेरिका में सोमवार (14 अप्रैल) की आधी रात धरती कांपी। दक्षिणी कैलिफोर्निया में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। जोर के झटके लगे तो अफरा-तफरी मच गई। लोग सहम उठे। घरों से बाहर भागे। पहाड़ से पत्थर लुढ़क कर सड़कों पर गिरे। अलमारियों और दीवारों का सामान भरभरा कर गिरने लगा। भूकंप से कितना नुकसान हुआ? इसका पता अधिकारी लगाने में जुटे हैं। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। 

193 किमी दूर तक झटके 
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र सैन डिएगो काउंटी था। काउंटी जूलियन से केवल 4 किलोमीटर दूर है। जूलियन 1,500 लोगों की आबादी वाला एक पहाड़ी शहर है, जो अपनी सेब पाई की दुकानों के लिए जाना जाता है।  भूकंप के झटके 193 किलोमीटर दूर लॉस एंजिल्स काउंटी तक महसूस किया गए।  

चेतावनी: पत्थरों से सावधान रहें
परिवहन अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है कि यात्री पहाड़ियों से गिरकर सड़कों और राजमार्गों पर आने वाले पत्थरों से सावधान रहें। जूलियन के उत्तर-पश्चिम में स्टेट रूट 76 पर भी पहाड़ों से पत्थर लुढ़कर आए हैं। प्रशासनिक टीम सड़कों का निरीक्षण कर रही है। 

ट्रेन सर्विस को कुछ देर के लिए रोका 
सैन डिएगो चिड़ियाघर सफारी पार्क में अफ्रीकी हाथियों के एक झुंड भूकंप के दौरान अपने बच्चों की रक्षा करते हुए वीडियो में कैद किया गया। नॉर्थ काउंटी ट्रांजिट डिस्ट्रिक्ट की प्रवक्ता मैरी डोवर ने बताया कि ट्रेन सर्विस कुछ देर के लिए रोक दी गई, ताकि कर्मचारी पटरियों का निरीक्षण कर सकें और पता लगा सकें कि भूकंप के कारण रेलवे ट्रैक को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है।

जानिए क्या बोले वैज्ञानिक
भूकंप वैज्ञानिक लूसी जोन्स ने बताया कि भूकंप एल्सिनोर फॉल्ट जोन के निकट 8.3 मील (13.4 किलोमीटर) गहराई में आया था। एल्सिनोर फॉल्ट जोन कैलिफोर्निया के सबसे व्यस्त भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। प्रसिद्ध सैन एंड्रियास फॉल्ट सिस्टम का हिस्सा है, जहां हर साल कम से कम 4.0 तीव्रता का एक भूकंप आता है। जोन्स ने कहा कि रविवार को जूलियन में 3.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। 

इसलिए आता है भूकंप 
धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं। कई बार प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। ज्‍यादा दबाव पड़ने पर प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है। इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

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