Bangladesh Hindu Protest:बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने अल्पसंख्यक अधिकारों की मांग को लेकर चटगांव में शनिवार को एक रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांगों को जब तक सरकार पूरा नहीं करती, वह शांत नहीं बैठेंगे। प्रदर्शनकारियों ने इस रैली में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विशेष सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। इसके अलावा, दुर्गा पूजा के लिए पांच दिन की छुट्टी घोषित करने की मांग भी की। आंदोलनकारियों का कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर लंबे समय तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की मांग
हिंदू समुदाय ने बांग्लादेश सरकार से आठ मांगों को पूरा करने की बात कही है। इनमें मुख्य मांग अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून के साथ एक विशेष ट्रिब्यूनल का गठन है, जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों के मामलों को तेजी से सुलझाने में मदद करेगा। इसके अलावा, सरकार से मांग की गई है कि पीड़ितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास प्रदान किया जाए। समुदाय ने अल्पसंख्यक मामलों का एक मंत्रालय बनाने की मांग भी की है।
दुर्गा पूजा के लिए दो दिन की छुट्टी
इस प्रदर्शन के बीच, बांग्लादेश के पर्यावरण मंत्री सैयद रिजवाना हसन ने हिंदू समुदाय को आश्वासन देते हुए दुर्गा पूजा के लिए पहली बार दो दिन की छुट्टी का ऐलान किया है। यह कदम अल्पसंख्यकों को उनके त्योहारों को मनाने के लिए अधिक अधिकार देने की दिशा में उठाया गया है। हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि यह छुट्टी एक महत्वपूर्ण शुरुआत है, लेकिन अन्य मांगों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते अपराधों का आरोप
हिंदू समुदाय का कहना है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध जैसे तोड़फोड़, लूटपाट, और शारीरिक हमले बढ़ गए हैं। अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद इन घटनाओं में वृद्धि हुई है। हालांकि, अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का कहना है कि यह घटनाएं राजनीतिक मुद्दों के कारण बढ़ी हैं, न कि साम्प्रदायिक कारणों से। उन्होंने इन अपराधों को "बढ़ा-चढ़ाकर" बताया।
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए नए कानूनों की मांग
प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 'हिंदू, बौद्ध और ईसाई कल्याण ट्रस्ट' को फाउंडेशन का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा, शिक्षा संस्थानों और होस्टल में अल्पसंख्यकों के लिए पूजा स्थलों की स्थापना की मांग की जा रही है। समुदाय का मानना है कि इन कदमों से उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।