Benjamin Netanyahu warning To Iran: मंगलवार को ईरान ने इजरायल पर एक बड़ा मिसाइल हमला किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया  है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद ईरान को कड़ी चेतावनी दी है, "ईरान ने एक बड़ी गलती की है और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।" उन्होंने कहा कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और ईरान को उचित जवाब देगा। नेतन्याहू ने अमेरिकी समर्थन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया और इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली की सराहना की, जिसने हमले को नाकाम किया।

'समय और जगह खुद हम तय करेंगे':  IDF
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के मुताबिक, लगभग 180 प्रोजेक्टाइल इजरायल पर दागे गए। यह हमला इजरायल के लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ किए गए ग्राउंड ऑपरेशन और कुछ दिनों पहले हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह की हत्या के जवाब में किया गया है। इजरायल ने चेतावनी दी है कि ईरान को इसका जवाब दिया जाएगा और इसके लिए समय और जगह खुद हम तय करेंगे। 

इजरायल ने ईरानी मिसाइलों को हवा में नष्ट किया
इजरायल की सेना ने बताया कि रात 10:08 बजे IST पर मिसाइलें दागी गईं और लगभग 11:10 बजे तक हमले की तीव्रता कम हो गई। इजरायली रक्षा प्रणाली (Iron Dome) ने कुछ मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे टेल अवीव में मलबा गिरा। इस हमले में किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन टेल अवीव और अन्य जगहों पर हल्की चोटें आई हैं। इजरायल ने अपने नागरिकों को शरण में जाने की सलाह दी थी।

ईरान की IRGC ने ली हमले की जिम्मेदारी
ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि यह हमला नसरल्लाह, हमास के प्रमुख इस्माइल हानिये और IRGC के वरिष्ठ कमांडर अब्बास निलफरुशान की हत्या के जवाब में किया गया है। IRGC ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल ने पलटवार किया, तो वह और भी "कड़ी कार्रवाई" करेगा।

अमेरिका ने किया इजरायल की मदद का ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल की रक्षा में अपनी सेना को तैनात करने का आदेश दिया है। व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा कि बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। अमेरिकी सेना ने इजरायल पर आने वाली मिसाइलों को निशाना बनाने का काम शुरू कर दिया है। अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने सहयोगी इजरायल के साथ खड़ा रहेगा।बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। अमेरिकी सेना ने भी ईरान के मिसाइलों को निशाना बनाने में मदद की, जिससे हमले को पहले से ही नाकाम कर दिया गया।

'हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा'
इजरायल के रक्षा प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला बिना जवाब नहीं छोड़ा जाएगा। इस हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा उन्होंने कहा, "हमारे पास योजनाएं हैं, और हम इसका जवाब अपने समय और जगह पर देंगे।" हमले के दौरान इजरायल के कई शहरों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं। इसके अलावा, ईरान समर्थित इराकी सशस्त्र समूहों ने भी अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस बढ़ते संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की escalations को रोकने की ज़रूरत है। गुटेरेस ने सभी पक्षों यानी कि इजरायल, लेबनान और यूक्रेन से संयम बरतने और संघर्ष विराम की अपील की है। हालांकि, स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है, और क्षेत्रीय शांति खतरे में है।

एक फिलिस्तीनी की मौत, दो इजरायली घायल
हमले में करीब 181 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल की अत्याधुनिक एयर डिफेंस (Iron Dome) ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने कहा कि यह हमला इजरायल की रक्षा क्षमता को प्रभावित नहीं कर पाया। हालांकि, वेस्ट बैंक में एक फिलिस्तीनी की मौत हो गई और दो इजरायली घायल हो गए। गिरते मलबे और शरापनेल ने इलाके में आग लगाई और कुछ संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया।

ईरान और भी बड़े हमले करेगा
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इस हमले की पुष्टि की और इसे ईरानी कमांडर अब्बास निलफरुशान और हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह की हत्या का बदला बताया। IRGC ने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने पलटवार किया, तो ईरान और भी बड़े हमले करेगा। इसके साथ ही, ईरान ने दूसरों देशों को इजरायल की सहायता करने से रोकने के लिए चेतावनी जारी की है।

इजरायल ने लोगों से बंकरों में रहने को कहा
इजरायली रक्षा बलों ने कहा है कि उनकी वायु सेना और अन्य सुरक्षा इकाइयां पूरी तरह से सतर्क हैं और इस हमले का जवाब उचित समय और स्थान पर दिया जाएगा। इजरायल के नागरिकों को निर्देश दिए गए कि वह बंकरों में रहें और सुरक्षा अलर्ट का पालन करें। हमले के दौरान टेल अवीव समेत कई शहरों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं, लेकिन बड़े पैमाने पर जनहानि नहीं हुई।