कनाडा: ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर ने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों से जुड़ी झड़प के दौरान हिंसक बयानबाजी को फैलाने के आरोप में मंदिर के पुजारी को निलंबित कर दिया है। हिंदू सभा मंदिर में एक कांसुलर प्रोग्राम के दौरान मंदिर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तानी झंडे लहराए थे। इसके बाद देखते ही देखते हिंसा हो गई थी।

ब्रैम्पटन की मेयर पैट्रिक ब्राउन ने पुजारी के कार्यों की निंदा करते हुए कहा कि अधिकांश सिख कनाडाई और हिंदू कनाडाई सद्भाव में रहना चाहते हैं और हिंसा बर्दाश्त नहीं करते हैं। वहीं हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने हिंसक बयानबाजी फैलाने वाले पंडित को निलंबित कर दिया है।

ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने क्या कहा?
ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ब्राउन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में रविवार रात को हिंदू सभा में हुई हिंसा की घटनाओं की निंदा की है। लिखा, "तनावपूर्ण समय में, हम आंदोलनकारियों को विभाजन की आग भड़काने नहीं दे सकते। जीटीए में सिख और हिंदू दोनों समुदायों का नेतृत्व इस विभाजन, नफरत और हिंसा को नहीं चाहता है।" उन्होंने कहा, ''मैं समुदाय के सभी लोगों से हिंसा और नफरत पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए कह रहा हूं। यह उनका काम है। हमें ऐसा देश बने रहना चाहिए जहां कानून का शासन चलता है।''

इस घटना की देश भर में व्यापक रूप से निंदा की गई है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इसकी निंदा की थी। उन्होंने प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने विश्वास का पालन करने के अधिकार पर जोर दिने के लिए कहा था। भारत ने भी कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हमले की निंदा की थी।

ब्रैम्पटन में तनावपूर्ण माहौल
हिंसक झड़प के बाद से ब्रैम्पटन में तनाव का माहौल है। यहां संघर्ष तब शुरू हुआ था जब खालिस्तानी झंडे लेकर प्रदर्शनकारियों ने मंदिर अधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा सह-आयोजित एक कांसुलर कार्यक्रम को बाधित कर करने का प्रयास किया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मंदिर के मैदान में मारपीट और लोगों को एक-दूसरे पर डंडों से हमला करते हुए दिखाया गया है।

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