Earthquake in Japan: नए साल 2024 के जश्न के बीच जापान पर प्रकृति का कहर टूटा है। उत्तरी मध्य जापान में सोमवार की दोपहर 12:40 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। इशिकावा प्रांत में सबसे ज्यादा तेज झटके महसूस किए गए। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि केवल 90 मिनट में मध्य जापान में 4.0 तीव्रता या उससे अधिक तीव्रता वाले 21 झटके आए। सबसे तेज झटके की तीव्रता 7.6 मापी गई।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है। प्रशासन का कहना है कि समुद्र और नदियों में हलचल तेज हो गई है। ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। यह लहरें 16 फीट ऊंचाई तक जा सकती हैं। तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।
जापान एयरलाइंस ने ज्यादातर उड़ानों को किया रद्द
जापान में भूकंप के और झटकों के आने की चेतावनी दी गई है। होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर ने बताया कि इशिकावा और टोयामा प्रांत में 36 हजार से अधिक घरों में बिजली ठप है। हाई स्पीड रेल सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं। फोन और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हैं। जापान एयरलाइंस ने अपनी ज्यादातर उड़ानों को रद्द कर दिया है। सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरार आ गई हैं।
भूकंप के झटकों के चलते मेट्रो, शॉपिंग मॉल हिल गए। कई इमारतों में दरार आ गई है। दहशत के चलते लोग घरों से बाहर निकल आए। अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई है।
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परमाणु उर्जा संयत्र में खराबी की आशंका
जापानी मीडिया एनएचके टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर ने कहा कि वह अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी भी अनियमितता की जांच कर रहा है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा और आसपास के प्रान्तों में भूकंप आने की सूचना दी, जिनमें से एक की प्रारंभिक तीव्रता 7.4 मापी गई।
समुद्र लहरें 5 मीटर (16.5 फीट) तक ऊपर उठ सकती है और तटीय इलाके में रहने वाले लोगों से जितनी जल्दी हो सके ऊंची भूमि या पास की इमारत की चोटी पर पहुंचने की अपील की है। इशिकावा प्रान्त में वाजिमा शहर के तट पर 1 मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं।
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2011 में आया था 9 तीव्रता का भूकंप
जापान में मार्च 2011 में विनाशकारी भूकंप आया था। तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 9 मापी गई थी। भूकंप के चलते सुनामी आई थी। इससे फुकुशिमा परमाणु उर्जा प्लांट तबाह हो गया था। तब समुद्र में 10 मीटर ऊंची लहरें उठीं और चारों तरफ तबाही मचाई थी। इस भूकंप में 16 हजार लोगों की जान गई थी।
भूकंप के लिए जापान बेहद सेंसिटिव
जपान भूकंप के सबसे ज्यादा सेंसिटिव एरिया में है। जिस इशिकावा प्रांत में भूकंप आया है, वह महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला रिंग ऑफ फायर के करीब स्थित है। इस इलाके में कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं। ये आपस में टकराती हैं। इसके चलते सुनाती आती है। ज्चालामुखी फटते हैं। दुनिया में 90 फीसदी भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी की सतह सात बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं। कई बार आपस में टकराती हैं तो कई बार इनके कोने मुड़ जाते हैं। ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे निकली उर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है। इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है।