Donald Trump's Inauguration: डोनाल्ड जे. ट्रंप सोमवार (20 जनवरी) को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शपथ लेंगे। यह समारोह अमेरिकी इतिहास में एक नई मिसाल के तौर पर दर्ज होगा। अमेरिका के 230 साल के लोकतांत्रिक इतिहास में यह दूसरी मौका है जब प्रेसिडेंशियल इलेक्शन हार चुका कोई नेता, फिर से जीत हासिल कर दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर वापसी करेगा। शपथ ग्रहण समारोह वाशिंगटन डीसी के कैपिटल रोटुंडा में आयोजित होगा। आइए, जानते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से जुड़ी सभी खास बातें। 

40 साल बाद शपथ ग्रहण समारोह का जगह बदला
डोनाल्ड ट्रंप ने दोपहर 12 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे) राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इस बार समारोह कैपिटल बिल्डिंग के बाहर की बजाय अंदर रोटुंडा में आयोजित होगा। वाशिंगटन डीसी में कड़ाके की ठंड की वजह से वेन्यू बदलने का फैसला लिया गया है। वेदर एक्सपर्ट्स ने बताया है कि वाशिंगटन डीसी में सोमवार को तापमान -12 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है। पिछली बार 1985 में रोनाल्ड रीगन के दूसरे कार्यकाल के दौरान शपथ ग्रहण का स्थान बदला गया था। इस समारोह में 600 चुनिंदा मेहमानों को न्योता भेजा गया है। इनमें अमेरिकी राजनीति और उद्योग जगत के बड़े नाम शामिल हैं।

Donald Trump's Inauguration

ग्रोवर क्लीवलैंड ने भी इसी तरह की थी वापसी
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी इतिहास के ऐसे दूसरे नेता बन गए हैं, जो चुनाव हारने के बाद फिर से वापसी कर व्हाइट हाउस पहुंचे हैं। इसी तरह ग्रोवर क्लीवलैंड भी दो अलग-अलग कार्यकालों में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। उनका पहला कार्यकाल 4 मार्च, 1885 से 4 मार्च, 1889 तक चला, उस समय ग्रोवर क्लीवलैंड ने 22वें राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी थी। इसके बाद, ग्रोवर ने 4 मार्च, 1893 से 4 मार्च, 1897 तक अपना दूसरा कार्यकाल अमेरिका के 24वें राष्ट्रपति के रूप में पूरा किया था। क्लीवलैंड अब तक एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिनके दोनों कार्यकाल अलग-अलग गिने जाते हैं, क्योंकि वह लगातार दो बार राष्ट्रपति नहीं बने थे। ठीक यही कारनामा अब ट्रंप ने कर दिखाया है।

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कहां देख सकेंगे ट्रंप का शपथ ग्रहण समराेह:
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का लाइव प्रसारण कई प्रमुख अमेरिकी समाचार चैनलों पर किया जाएगा, जैसे कि एनबीसी, सीएनएन, एबीसी, सीबीएस, फॉक्स न्यूज, और सी-स्पैन। इसके अलावा, व्हाइट हाउस भी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर समारोह का लाइव स्ट्रीमिंग करेगा, जिससे दुनिया भर के लोग इसे देख सकेंगे। कैपिटल रोटुंडा में सिर्फ 600 चुनिंदा मेहमानों को ही एंट्री दी जाएगी। बाकी लोगों के लिए समारोह स्थल के बाहर बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी। 

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ट्रंप के शपथ ग्रहण का दिन कैसे बीतेगा?
शपथ ग्रहण के दिन की शुरुआत ट्रंप पारंपरिक प्रेयर सर्विस से करेंगे। इसके बाद  ट्रंप राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। कैपिटल पहुंचने पर, धार्मिक प्रार्थना और संगीत का आयोजन होगा। शपथ लेने के बाद ट्रंप अपना उद्घाटन भाषण देंगे। अपने भाषण में ट्रंप अपनी नीतियों के बारे में बताएंगे। बता दें कि ट्रंप ने शुक्रवार को राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने से पहले आखिरी रैली की। इस रैली में ट्रंप ने अमेरिका को फिर से महान बनाने, अवैध अप्रवासियों को रोकने, घुसपैठ रोकने और ड्रग कार्टेल्स पर कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया।  उन्होंने कहा, “अमेरिका का भविष्य उज्ज्वल है, और हम इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।”

यह तस्वीर 2017 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुई इनॉगरल परेड की है।

इनॉगरल परेड के लिए की गई है खास व्यवस्था
अमेरिका के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह का इनॉगरल परेड एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का स्वागत किया जाता है। । यह परेड पेंसिलवेनिया एवेन्यू पर कैपिटल से व्हाइट हाउस तक आयोजित होती है। इसमें सेना की टुकड़ियां, आम जनता, और बैंड परेड में शामिल होते हैं इस बार, ट्रंप ने परेड के लाइव प्रसारण के लिए कैपिटल वन एरीना में भी विशेष व्यवस्था करने की घोषणा की है। इस परेड की शुरुआत 1809 में हुई थी, जब राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन के शपथ ग्रहण के बाद पहली बार इसे आयोजित किया गया। इस परेड में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, और अन्य प्रमुख नेता व्हाइट हाउस से कैपिटल हिल तक जाते हैं, जहां वह जनता के सामने आते हैं। हर चार साल में होने वाले इस समारोह में हजारों लोग शामिल होते हैं, जो नए राष्ट्रपति के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करने आते हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत इन गेस्ट्स को न्योता
इस समारोह में अमेरिकी राजनीति के बड़े चेहरों के अलावा वैश्विक नेता भी शामिल होंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी को न्योता भेजा गया है। उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों की बात करें तो, एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली को भी इस समारोह का न्योता भेजा गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी को भी शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है। 

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दो ऐतिहासिक बाइबिल का इस्तेमाल करेंगे ट्रंप
चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप दो ऐतिहासिक बाइबल का उपयोग करेंगे। इनमें से एक बाइबिल ट्रंप को उनकी मां ने 1955 में1955 में उनके रविवार चर्च प्राइमरी स्कूल ग्रेजुएशन के समय गिफ्ट में दी थी। यह एक 1953 एडिशन की रिवाइज्ड स्टैंडर्ड बाइबल है। इस बाइबिल पर ट्रंप का नाम और चर्च के ऑफिशियल्स के साइन हैं। दूसरी बाइबल लिंकन बाइबल है, जिसे पहली बार 1861 में अब्राहम लिंकन के शपथ ग्रहण के दौरान इस्तेमाल किया गया था। यह बाइबल लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के कलेक्शन का हिस्सा है। बता दें कि और ट्रंप ने अपने पहले शपथ ग्रहण (2017) में  भी लिंकन बाइबिल का इस्तेमाल किया था। 

क्यों होता है चुनाव और शपथ ग्रहण के बीच लंबा अंतराल?
अमेरिकी चुनाव नवंबर में होते हैं, लेकिन शपथ जनवरी में होती है। अमेरिका में चुनाव और शपथ ग्रहण के बीच लंबा अंतराल, को "लेम डक पीरियड" कहा जाता है, लगभग 75 दिनों का होता है। ऐसा इसलिए ताकि पुरानी सरकार अपने कार्य पूरे कर सके और नई सरकार अपना प्रशासनिक ढांचा तैयार कर सके। राष्ट्रपति-चुनाव को इस दौरान खुफिया जानकारी दी जाती है और उनकी कैबिनेट के नामों को मंजूरी दी जाती है। ट्रंप ने इस अवधि में 102 प्रमुख पदों पर नामों की घोषणा की। इनमें से कुछ, जैसे मिडिल ईस्ट एन्वॉय स्टीव विटकॉफ, पहले ही एक्टिव भूमिका निभा रहे हैं।

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पहले चार महीने का होता था चुनाव और शपथ ग्रहण का अंतराल
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह की तारीख हमेशा 20 जनवरी नहीं रही। अमेरिकी संविधान के 20वें संशोधन के मुताबिक, चुनाव नवंबर के पहले मंगलवार को होते हैं और नए राष्ट्रपति को 20 जनवरी को शपथ दिलाई जाती है। पहले यह अंतराल चार महीने तक भी होता था, लेकिन 1933 में संशोधन के बाद इसे कम किया गया। 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन ने पहली बार 30 अप्रैल को शपथ ली थी। इसके बाद, 1933 तक उद्घाटन 4 मार्च को होता था। लेकिन बीसवें संशोधन के तहत यह तारीख बदलकर 20 जनवरी कर दी गई। इस दौरान नए राष्ट्रपति अपनी कैबिनेट का गठन करते हैं, नीतियों की योजना बनाते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हैं। यह ट्रांजिशन पीरियड सुनिश्चित करता है कि नए राष्ट्रपति सत्ता संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हों और इससे प्रशासनिक कामकाज में कोई बाधा न आए।

शपथ ग्रहण में 7,800 गार्ड सैनिकों की रहेगी तैनाती
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है। वाशिंगटन, डीसी में आयोजित इस समारोह में लगभग 25,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें नेशनल गार्ड और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य शामिल हैं।  समारोह में लगभग 7,800 गार्ड सैनिक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। यह सुरक्षा व्यवस्था इस बात को सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि समारोह सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके, खासकर पिछले कुछ वर्षों में हुई घटनाओं के मद्देनजर। समारोह स्थल पर प्रवेश करने वाले सभी मेहमानों की सुरक्षा जांच की जाएगी। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए इमरजेंसी सेवाएं भी तैयार रहेंगी। इसके अतिरिक्त, पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल और स्निफर डॉग्स की तैनाती की गई है।