France Grounded Plane With 300 Indian Latest Updates: फ्रांसीसी पुलिस ने मानव तस्करी के संदेह में 300 से अधिक भारतीय यात्रियों को लेकर शुक्रवार को निकारागुआ जा रहे A340 विमान को रोक लिया। पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है। उनसे पूछताछ चल रही है। जानकारी पाकर भारतीय दूतावास भी एक्टिव हो गया है। सोशल मीडिया पर लिखा, 'फ्रांस के अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी दी है। हम अपने नागरिकों तक पहुंच गए हैं। उनकी हम पूरी मदद कर रहे हैं। मामले की जांच जारी है।'
जिस विमान को रोका गया, वह रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस का विमान है। विमान ने संयुक्त अरब अमीरात (दुबई) से उड़ान भरी थी। फ्लाइट फ्यूल के लिए पूर्वी फ्रांस के वाट्री हवाई अड्डे पर विमान लैंड हुआ था। पेरिस पुलिस ने विमान को रोके जाने की पुष्टि की है।
घटना से जुड़े अपडेट्स
- पेरिस अथॉरिटी ने कहा कि अज्ञात व्यक्ति से सूचना मिली थी कि भारतीयों को तस्करी कर ले जाया जा रहा है। इसलिए विमान को रोका गया।
- फ्रांस की एंटी ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट को जांच की जिम्मेदारी मिली है। यूनिट ने दो लोगों को पकड़ा गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
- लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको, ने एएफपी को बताया कि कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। लेकिन अगर अथॉरिटी आरोप दायर करते हैं तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करेगी।
- भारत को विमान में सवार लोगों तक राजनयिक पहुंच प्रदान की गई है और अधिकारी जांच करने और यात्रियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।
- समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, अधिकारियों को संदेह है कि भारतीय यात्रियों को सेंट्रल अमेरिका में किसी जगह ले जाया जाना था। यह भी हो सकता है कि इनमें से कुछ लोग कनाडा जाना चाहते हों।
- फ्रांस में लैंडिंग के बाद यात्रियों को पहले विमान में रखा गया। फिर बाहर निकाल दिया गया और टर्मिनल भवन में अलग-अलग बिस्तर दिए गए। प्रीफेक्ट के कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है।
- 303 भारतीयों ने हवाई अड्डे पर रात बिताई। अधिकारियों ने अभी तक इस बारे में कोई अपडेट नहीं दिया है कि यात्रियों को कब बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।
- नियम है कि यदि कोई विदेशी नागरिक फ्रांस में लैंड करता है और उसे अपने गंतव्य तक यात्रा करने से रोका जाता है तो बॉर्डर पुलिस उसे चार दिनों तक रोक सकती है। फ्रांसीसी कानून उस अवधि को आठ दिन और अधिकतम 26 दिनों तक बढ़ाया भी जा सकता है। लेकिन इसके लिए किसी जज की मंजूरी लेनी पड़ती है।