G7 Summit:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पूरी कर ली है। इटली में G7 समिट में भाग लेने के बाद पीएम माेदी शनिवार को भारत लौट आए हैं। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद पीएम मोदी ने G7 समिट में विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की। पीएम माेदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की समेत दुनिया के कई देशों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। 

इटली को मेहमाननवाजी के लिए दिया धन्यवाद
इटली से रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में एक बहुत ही प्रोडक्टिव दिन रहा। वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जिससे ग्लोबल कम्युनिटी को फायदा हो और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बने। मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।"

पीएम मोदी के साथ वैश्विक नेताओं की मुलाकात सुर्खियों में
इस समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के और इटली की पीएम मेलोनी के साथ पीएम मोदी की मुलाकात ने ग्लोबल मीडिया में चर्चा का विषय रही। पीएम मोदी और बाइडेन के बीच मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच अच्छी बॉन्डिंग नजर आए। दोनों नेता एक दूसरे से गर्मजोशी से मिले। बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने X पर लिखा- "भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।"

जस्टिन ट्रूडो के साथ गर्मजोशी से मिले पीएम मोदी
खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की।हालांकि, इस मुलाकात के दौरान ट्रूडो और पीएम मोदी के बीच किसी प्रकार का तनाव नजर नहीं आया। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ अलगाववाद और आतंकवाद, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। इस मुलाकात के बाद पीएम ट्रूडो के ऑफिस कहा कि दोनों नेताओं ने शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की और पीएम मोदी ने ट्रूडो को उनके दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी।

बता दें कि  सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कनाडा ने भारत की भूमिका होने के आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी आई थी। 

जापान के पीएम फुमियो किशिदा से भी हुई मुलाकात
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने इतालवी प्रीमियर जियोर्जिया मेलोनी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी मुलाकात की। जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को आमंत्रित किया जाना इस बात का संकेत है कि तेजी से बढ़ते चीन का मुकाबला करने की पश्चिम की योजनाओं में भारत की भूमिका कितनी अहम है। भारत के अलावा इस समिट में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इटली में चल रही G7 समिट के आउटरीच सेशन में शामिल हुए। उन्होंने टेक्नोलॉजी सेक्टर में एकाधिकार खत्म करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे इनोवेटिव बनाया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर नेशनल स्ट्रैटजिक पॉलिसी तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है।


पीएम मोदी जी7 आउटरीच सेशन में क्या बोले?
इटली के अपुलिया रीजन में जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सेशन में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इन देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है। 
पीएम मोदी ने आगे कहा- इन कोशिशों में हमने अफ्रीका को सबसे ऊपर रखा है। हमें इस बात को लेकर गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया। भारत सभी अफ्रीकी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा और भविष्य में भी ऐसा जारी रखेंगे।

टेक्नोलॉजी इनोवेटिव हो, न कि विनाशकारी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता या AI पर बल देते बहुए टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को खत्म करने को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा- हमें टेक्नोलॉजी को इनोवेटिव बनाना चाहिए, न कि विनाशकारी। तभी हम एक समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। भारत इस ह्यूमन सेंट्रिक एप्रोच के साथ बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नेशनल स्ट्रैटजिक पॉलिसी तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक हैं। इसके आधार पर हमने एक एआई मिशन लॉन्च किया है। इसका मूल मंत्र 'एआई फॉर ऑल' है।

भारत 2070 तक नेट ज़ीरो का टारगेट अचीव करेगा: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल  दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने एआई सेक्टर में इंटरनेशनल एडमिस्ट्रेशन के महत्व पर जोर दिया था। भविष्य में भी हम एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। साथ ही एनर्जी सेक्टर में भारत का दृष्टिकोण भी चार सिद्धांतों पर आधारित है - उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता। हम 2070 तक नेट ज़ीरो के टारगेट को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें मिलकर आगे ग्रीन एरा बनाना है।