Germany Famers' Protests Updates: भारत की तरह जर्मनी में बीते कई दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। आंदोलन पूरे देश में फैल गया है। किसान ट्रैक्टर्स के साथ सड़क पर आ गए हैं। कई सड़कें जाम हैं। लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही हैं। किसान सब्सिडी में कटौती का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन को आशंका है कि किसानों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो सकता है। कट्टरपंथी समूह किसानों के प्रदर्शन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोप है कि फ्री साक्सेन ग्रुप के चरमपंथियों ने हाल ही में प्रदर्शन के दौरान शाही झंडे फहराए और जर्मन नेताओं को कैदी के रूप में दिखाया।
जर्मन चांसलर बोले- गुस्से को टारगेट करते हुए भड़काया जा रहा
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने चरमपंथियों के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जब विरोध गुस्से में बदल जाता है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थानों के लिए अवमानना में बदल जाता है, तो हम सभी हार जाते हैं। असहमति लोकतंत्र का एक हिस्सा है लेकिन उस गुस्से को टारगेट करते हुए भड़काया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चरमपंथी किसी भी समझौते के प्रति अवमानना दिखाते हैं और लोकतांत्रिक बहस में जहर घोलते हैं। हमें चिंतित होना चाहिए और इससे मैं भी काफी चिंतित हूं।
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BREAKING: German railways have joined the Farmers and Truckers protest
— TaraBull (@TaraBull808) January 11, 2024
When will the media report on this? pic.twitter.com/3wy4ovII1g
जर्मन किसान क्यों कर रहे हैं विरोध?
पिछले हफ्ते किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया, क्योंकि किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ सड़कों को जाम कर दिया। किसान डीजल और कृषि वाहनों पर सब्सिडी और टैक्स छूट में कटौती के खिलाफ आंदोलित हैं। बर्लिन में एक और बड़ी रैली की योजना बनाई गई है, जबकि किसानों और उनके कुछ समर्थकों ने खुद को दूर-दराज समूहों से दूर रखने की मांग की है।
कौन से समूह विरोध प्रदर्शनों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं?
फ़्री साक्सेन समूह ने किसानों के समर्थन के कई मैसेज पोस्ट किए हैं। नव-नाजी संगठन थर्ड वॉइस और राष्ट्रवादी आंदोलन ईन प्रोजेंट जैसे अन्य समूहों ने भी हड़ताल और दंगों का आह्वान किया है। इन समूहों पर मोटरवे के किनारे फांसीघर स्थापित करने जैसे स्टंट के पीछे होने का भी आरोप लगाया गया है।
थुरिंगिया में खुफिया सर्विस के प्रमुख स्टीफन क्रेमर ने आशंका जताई है कि किसानों के आंदोलन को चरमपंथी नष्ट करना चाहते हैं। वे दंगे भड़का सकते हैं।