Global Times On Election Result: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक विवादित बयान जारी किया है। ग्लोबल टाइम्स के पत्रकार हू जिजिन ने एक वीडियो में दावा किया है कि नरेंद्र मोदी की स्थिति कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में भारत और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। ग्लोबल टाइम्स ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी शेयर किया।
मोदी की जीत को बताया हार
हू जिजिन ने कहा, "नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार चुनाव जीतें है, लेकिन यह एक तरह से हार है। उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में सफल नहीं हुई है, हालांकि उनके गठबंधन ने पूर्ण बहुमत पाया है। मोदी को अब सरकार चलाने के लिए छोटे दलों पर निर्भर रहना होगा। चीनी पत्रकार ने यह भी कहा कि मोदी का प्रभाव भारत में है, जिसके कारण अमेरिका उन पर भरोसा करता था। लेकिन अगर मोदी कमजोर होते हैं, तो अमेरिका भी अपनी रणनीति पर दोबारा विचार कर सकता है। जिजिन ने इसे मोदी के लिए एक ऐसा निर्णायक मोड़ बताया, जहां मोदी मजबूत से कमजोर हो सकते हैं।
पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल का करारा जवाब
चीनी पत्रकार के इस विश्लेषण को पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल ने मूर्खतापूर्ण करार दिया। सिब्बल ने कहा, "यह विश्लेषण बिल्कुल मूर्खतापूर्ण है। इससे यह पता चलता है कि भारत और अमेरिका के संबंधों की मजबूती को लेकर चीन घबराया हुआ है। चीन के मजबूत होते ही अमेरिका ने चीन को अपना प्रमुख शत्रु घोषित कर दिया है। तर्क बिल्कुल विपरीत हैं।"
ताइवान के पीएम ने नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई
ताइवान ने दी पीएम मोदी को बधाई इस बीच, लोकसभा चुनावों में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने बधाई दी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को चुनावी जीत पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई। हम तेजी से बढ़ी ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, इंडोपैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान के लिए व्यापार बढ़ाने के लिए तैयार हैं। मोदी ने इसके जवाब में कहा, "आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद लाई चिंग ते। मैं घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं, क्योंकि हम पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हैं।"
कई मौकों पर भारत के खिलाफ लिखता रहा है ग्लोबल टाइम्स
लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद चीन की यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि वह भारत की राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। हालांकि, भारत और ताइवान के बीच बढ़ती साझेदारी और अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत अपने विदेश नीति में किसी भी तरह के बाहरी दबाव को नजरअंदाज कर सकता है। यह पहला मौका नहीं है जब चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भारत और नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला है। पहले भी कई मौकों पर ग्लोबल टाइम्स भार के बारे में भड़काऊ लेख छाप चुका है।