Hamas Chief assassination conspiracy: ईरान के तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या का एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस खतरनाक साजिश की तैयारी दो महीने पहले ही शुरू हो गई थी। जिस गेस्ट हाउस में हानिया ठहरा था, वहां बम पहले ही छिपाकर रखा गया था। ईरान की टॉप सिक्योरिटी को धता बताते हुए यह बम प्लांट कर दिया गया और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई। मौका देखते ही बम को एक्टिवेट हुआ और खत्म हो गई इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन हमास चीफ हानिया की कहानी।
दो महीने से हो रहा था हानिया की मौत का इंतजार
तेहरान के एक आलीशान इलाके में, दो महीने से इस्माइल हानिया के लिए मौत का इंतजार हो रहा था। एक बम को गुपचुप तरीके से उस गेस्टहाउस में पहुंचाया गया था। उसी गेस्ट हाउस में बम जहां हानिया को ठहरने की उम्मीद थी। इस गेस्टहाउस की सिक्योरिटी में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) तैनात थे। यह गेस्टहाउस IRGC की गुप्त बैठकों और अहम मेहमानों के आवास के लिए इस्तेमाल होता था।
कमरे में था हानिया, बम फटा और काम तमाम
इस्माइल हानिया हमास के एक टॉप कम्युनिकेटर और पॉलिटिकल डेलिगेशन की अगुवाई कर रहा था। वह तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पहुंचा थे। मंगलवार सुबह, जैसे ही हानिया के गेस्टहाउस में मौजूद होने की पुष्टि हुई, हत्यारों ने बम को दूर से विस्फोट कर दिया। धमाके से इमारत हिल गई, दीवार का एक हिस्सा गिर गया, और खिड़कियां चकनाचूर हो गईं। इस हमले में हानिया और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत हो गई।
हमास ने इजराइल पर लगाए हैं गंभीर आरोप
इस हमले को हमास ने कहा है कि तेहरान में हमारे आवास पर धोखेबाज जियोनिस्ट्स ने हमला किया। हमास ने कहा है कि हानिया की हत्या उकसाने के लिए की गई है। हमास का आरोप है कि इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ है। हालांकि, इजराइल ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह हमला हमास और इजराइल के बीच चल रही जंग खत्म कराने के लिए हो बातचीत को बाधित कर सकता है। इससे इजराइल और हमास के बीच नए संघर्ष की शुरुआत होने की संभावना जाहिर की जा रही है।
बेहद सटीक प्लानिंग से हुई हानिया की हत्या
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हमले की योजना में महीनों का समय लगा। इस हमले ने ईरान के सिक्योरिटी नेटवर्क में एक बड़ी खामी उजागर की है। हत्यारों ने किसी तरह सुरक्षा में सेंध लगाकर बम को गेस्टहाउस में पहुंचाया, दो महीने से बम गेस्टहाउस में मौजूद था और इसकी भनक तक नहीं लगी। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बम आखिर प्लांट कैसे किया गया। मध्य पूर्व (Middle East) के अफसरों के मुताबिक, प्लानिंग इतनी सटीक थी कि पास के कमरे में ठहरे एक दूसरे नेता जियाद अल-नखलाह का कमरा उतना क्षतिग्रस्त नहीं हुआ।
सबसे बड़ा सवाल: मिशन के पीछे कौन?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इजराइल के इस मिशन के पीछे किसका हाथ है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही है इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हानिया चीफ का काम तमाम किया है। इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को ही देश के बाहर ऐसी हत्या को अंजाम देने का कार्य सौंपा जाता है। हानिया की दर्दनाक मौत कुछ ही देर बाद हमास ने ऑफिशियल X अकाउंट से हमास चीफ की तस्वीर पोस्ट की और लिखा- 'ELIMINATED' इसका मतलब होता है 'खत्म कर दिया गया'।
मोसाद चीफ ने खाई थी हानिया को मारने की कसम
मोसाद चीफ डेविड बार्निया ने 7 अक्टूबर के हमलों के बाद हमास नेताओं को निशाना बनाने की कसम खाई थी। बार्निया ने इस बात का इशारा किया था कि जैसे म्यूनिख हत्याकांड के बाद इजराइली एजेंसियों ने फिलिस्तीनी नेताओं को निशाना बनाया था, वैसे ही अब भी उन्हें निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इसमें समय लगेगा, जैसा कि म्यूनिख हत्याकांड के बाद हुआ था, जब इजराइली एथलीटों की हत्या का बदला लेने के लिए 'ऑपरेशन व्रथ ऑफ गॉड' (Operation Wrath of God) नाम से एक सीक्रेट मिशन काे अंजाम दिया गया था।