India-Maldives Row: चीन से दोस्ती और भारत से दुश्मनी...कुछ ऐसा ही रवैया मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का है। मगर मुइज्जू को भारत की ताकत का अंदाजा नहीं है। लक्षद्वीप विवाद के बाद से मुइज्जू की सरकार वहां विपक्ष के निशाने पर है। मालदीव टूरिज्म इंडस्ट्री ने भी भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को नाकाबिल-ए-बर्दाश्त बताया है। अब राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। ऐसे में उनकी कुर्सी खतरे में दिख रही है।
अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने की अपील
राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने की पहल मालदीव में संसदीय अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने की। अली अजीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को उनकी कुर्सी से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की।
अली अजीम ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि हम, डेमोक्रेट, देश की विदेश नीति की स्थिरता को बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश को अलग-थलग होने से रोकने के लिए समर्पित हैं। उन्होंने अपनी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के शीर्ष नेताओं से पूछा कि क्या आप राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं?
भारत के बाद मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री ने लताड़ा
भारत की ट्रेवल एजेंसी Easemytrip ने सोमवार को मालदीव की सभी फ्लाइट बुकिंग को रद्द कर दिया। इससे मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री को खासा नुकसान हुआ है। बढ़ते विरोध को देखते हुए मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने एक बयान जारी किया है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों के खिलाफ अपने मंत्रियों के विवादित बयानों की निंदा की। यह भी कहा कि भारत हमारा निकटतम पड़ोसी और सहयोगी है। इतिहास गवाह है कि जब भी संकट आया, भारत की तरफ से प्रतिक्रिया सबसे पहले आई।
सरकार ने तीन मंत्रियों को किया था सस्पेंड
पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे और भारत में नए टूरिज्म सेंटर पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने विवादित बयान दिया था। रविवार को मालदीव सरकार ने पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने पर तीन उपमंत्रियों को निलंबित कर दिया। इनमें मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद शामिल हैं। सोमवार को भारत में मालदीव के दूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। मुइज्जू सरकार के मंत्रियों के बयानों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई।