अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA एक हिंदू धर्मगुरु को अनूठे अंदाज में श्रद्धांजलि देगा। नासा बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) संगठन के पांचवें गुरु, प्रमुख स्वामी महाराज की तस्वीरों और संदेशों को चांद पर पहुंचाएगा। इसके लिए नासा ने प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट ओडिसियस (Odysseus) की सतह पर रिलेटिव रेडिएशन (Relative Radiation) के जरिए प्रमुख स्वामी महाराज (Swami Pramukh Maharaj) की तस्वीरें और उनके कामों को उकेरा गया है। नासा के IM-1 मिशन के तहत स्पेसक्राफ्ट दो दिन बाद यानी 22 फरवरी को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
नासा क्यों दे रहा एक हिंदू धर्मगुरु को श्रद्धांजलि?
नासा के इंट्यूटिव मिशन्स (Intuitive Missions) ने एक अपडेट में प्रमुख स्वामी महाराज के संदेशों को चांद पर भेजने की पुष्टि की है। प्रमुख स्वामी महाराज ने अपने जीवन में निस्वार्थ सेवा और मानव कल्याण का संदेश दिया था। इससे प्रभावित होकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने उन्हें श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। इंट्यूटिव मिशन्स ने कहा है कि जब विभिन्न देश और कंपनियां अंतरिक्ष परियोजनाओं पर सहयोग करती हैं, तो इस तरह की आम भावनाओं से जुडें संदेशों को स्पेस एक्सप्लोरेशन में शामिल करने की इजाजत दी जा सकती है। इससे लक्ष्य को हासिल करने में एकता, सहयोग और सामूहिक जवाबदेही की भावना को बढ़ावा मिलता है।
कौन थे प्रमुख स्वामी महाराज ?
प्रमुख स्वामी महाराज एक आध्यात्मिक गुरु थे। वह BAPS के पांचवें गुरु था। प्रमुख स्वामी महाराज का का जन्म 7 दिसम्बर 1921 को गुजरात राज्य के चापाईया गांव में हुआ था। प्रमुख स्वामी महाराज ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर BAPS के विकास और प्रगति में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने हिन्दू धर्म के सिद्धांतों और स्वामिनारायण धारा के अध्यात्मिक शिक्षा का प्रचार प्रसार किया था। उनकी अगुवाई में BAPS. ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, सामाजिक सेवाएं और मानवसेवा से जुड़ी गतिविधियों में तेजी लाई। प्रमुख स्वामी महाराज को धार्मिक सद्भाव, सामुदायिक सेवा और परोपकार को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है।
प्रमुख स्वामी महाराज ने बनवाए थे हजार से ज्यादा मंदिर
प्रमुख स्वामी महाराज का वास्तविक नाम शान्तिलाल पटेल था। प्रमुख स्वामी महाराज ने BAPS स्वामीनारायण संस्था के संस्थापक शास्त्रीजी महाराज को अपना गुरु माना था। प्रमुख स्वामी मराज को उनके गुरु ने ' नारायणस्वरूपदास स्वामी' नाम से दीक्षित किया था। प्रमुख सवामी महराज ने अमेरिका समेत कई देशों में स्वामीनारायण मंदिर बनवाए। गुजरात और दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण करवाने के लिए उन्हें जाना जाता है। अपने जीवन में उन्होंने 1,100 से ज्यादा स्वामीनारायण मंदिरों का निर्माण करवाया। 13 अगस्त 2016 को 94 साल की उम्र में प्रमुख स्वामी महाराज का निधन हो गया।
चांद पर कब पहुंचेगा ओडिसियस स्पेसक्राफ्ट
ओडीसियस अंतरिक्ष यान 22 फरवरी को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब साफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन के बीते 50 से ज्यादा के इतिहास में यह ऐसा करने वाला पहला अमेरिकी मिशन होगा। यह IM-1 लैंडर से लैस है। यह लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव (South pole of Moon) की सतह पर खोज करेगा। लैंडर कॉमिर्शियल लुनार पेलोड सर्विस (सीएलपीएस) मिशन के तहत छह पेलोड का एक सूट साथ ले गया है। जिसकी मदद से चांद की सतह पर प्लाज्मा एनवॉयरमेंट को मापने और भविष्य के आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों के लिए डेटा जुटाने के सांइटिफिक इक्विपमेंट भेजे गए हैं।