PM Modi In Brazil:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (13 नवंबर) को अपने तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण में ब्राजील पहुंचे। पीएम मोदी 18-19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले G20 समिट में शामिल होंगे। इससे पहले, पीएम मोदी ने नाइजीरिया का दौरा किया। पीएम मोदी ने नाइजीरिया में द्विपक्षीय वार्ता की। साथ ही भारतीय समुदाय से मुलाकात की। नाइजीरिया का दौरा समाप्त करने के बाद पीएम माेदी ब्राजील रवाना हुए।
ब्राजील में पीएम मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी का रियो डी जेनेरियो एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनकी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के जीवंत शहर रियो डी जेनेरियो पहुंचे।' पीएम मोदी ने भी अपनी पोस्ट में कहा, 'मैं G20 समिट में भाग लेने और विश्व नेताओं के साथ सार्थक वार्ता करने के लिए उत्सुक हूं।'
G20 समिट में वैश्विक नेता होंगे शामिल
रियो डी जेनेरियो में होने वाले इस अहम समिट में पीएम मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे। यह 19वां G20 समिट है, जिसमें भारत ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ ट्रोइका का हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा, 'इस साल ब्राजील ने भारत की G20 अध्यक्षता की विरासत को आगे बढ़ाया है।'
नाइजीरिया दौरे की बड़ी उपलब्धियां
ब्राजील पहुंचने से पहले, पीएम मोदी ने नाइजीरिया में अपनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी की। यह 17 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली नाइजीरिया यात्रा थी। उन्हें नाइजीरिया का राष्ट्रीय सम्मान 'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर (GCON)' से नवाजा गया। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले दूसरे विदेशी नेता हैं। इससे पहले यह सम्मान केवल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दिया गया था।
गुयाना का ऐतिहासिक दौरा भी करेंगे पीएम मोदी
ब्राजील के बाद पीएम मोदी 19-21 नवंबर को गुयाना के दौरे पर पहुंचेंगे। यह बीते 50 साल में किसी भारतीय पीएम का पहला गुयाना दौरा होगा। यह दौरा भारत और गुयाना के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा। पीएम मोदी ने इस यात्रा को 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' की सोच के साथ बेहद अहम बताया है।
भारत की G20 अध्यक्षता की विरासत
भारत ने पिछले साल G20 समिट के दौरान कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की थीं। अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना और यूक्रेन संघर्ष पर सहमति बनाकर एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी करना इनमें से प्रमुख थे। पीएम मोदी ने कहा, 'यह हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि हम वैश्विक सहयोग को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं।'