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Ramayana Different Versions: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव पूरा देश मना रहा है, लेकिन जापान, मलेशिया और मंगोलिया सहित दुनिया के कई देश हैं, जहां के लोग भगवान राम को बहुत पहले से अपना आराध्य मानते आ रहे हैं। उनके जीवन आदर्शों पर आधारित हर जगह अलग-अलग 300 से अधिक कृतियां हैं।

Ramayana Different Versions : श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर निर्माण और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है। अपने हुनर, विश्वास और समर्पण के दम पर हर कोई इस पल को खास बनाना चाहता है। भगवान राम के जीवन पर आधारित कहानियों व घटनाक्रमों को विभिन्न माध्यमों से चित्रित किया जा रहा है। ऐसा ही एक माध्यम रामायण है, जो दुनियाभर के लोगों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन आदर्शों से रूबरू कराती है। उनकी लीलाओं को जीवंत प्रस्तुति देती है। 

रामायण के दुनियाभर में 300 से अधिक संस्करण व स्वरूप हैं, जो भाषा, संस्कृति और मान्यताओं के आधार थोड़ा बहुत परिवर्तित हो सकते हैं, लेकिन उसका मूल लगभग एक ही है। रामायण का सबसे पुराना संस्करण वाल्मिकी रामयण को ही माना गया है। इसकी रचना महर्षि वाल्मीक ने की थी। वाल्मीकि रामायण के अलावा वशिष्ठ रामायण, अध्यात्म रामायण, आनन्द रामायण, अगस्त्य रामायण, अद्भुत रामायण व रघुवंश भी है। वशिष्ठ, आनन्द और अगस्त्य और अद्भुत रामायण को महर्षि वाल्मीक ने लिखा है। जबकि, अध्यात्म रामायण को वेद व्यास व रघुवंश की रचना महाकवि कालिदास ने की है। सभी कृतियां संस्कृत में हैं। 

10 से अधिक भारतीय भाषाओं में रामायाण
रामयाण संस्कृत के अलावा गुजराती, उड़िया, तेलगू, कन्नड़, बांग्ला, मराठी, पंजाबी कश्मीरी, मलयालम, तमिल भाषा में भी उपलब्ध हैं। गुजराती में इसके 40 से ज्यादा संस्करण हैं। इसी प्रकार उड़िया, तेलगु और कन्नड़ में भी भगवान राम के आदर्शां को चित्रित करने वाली रामायण कई स्वरूपों में उपलब्ध है। हिंदी में रामचरित मानस और राधेश्याम रामायण के रूप में जानते हैं। 

कहां किस रूप में रामायण  
रामायण का सबसे पुराना आमतौर पर संस्करण वाल्मिकी को माना जाता है। भारत के अलावा, रामायण के संस्करण बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, फिलीपींस, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, जापान, मंगोलिया, वियतनाम और चीन में उपलब्ध हैं। अधिकांश संस्करण ऋषि वाल्मिकी द्वारा लिखे गए संस्करण के इर्द-गिर्द ही हैं। कई संस्करण इन्हीं कहानियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

थाईलैंड (Thailand) 
थाईलैंड में रामायण को 'रामकियेन" कहा जाता है। हालांकि, विभिन्न संस्कृतियों व रूपांतरणों के चलते कई अंतर हैं। कपड़े, हथियार, स्थल और प्रकृति, संस्कृति और स्थानीयता के चलते काफी कुछ बदल जाता है। 

लाओस (Laos )
लाओस के लोग फ्रा लक फ्रा राम को राष्ट्रीय महाकाव्य मानते हैं। यह संस्कृत रामायण पर आधारित है, लेकिन लाओस की संस्कृति और परंपरा के अनुसार रूपांतरित किया गया है। इसे जातक कथा कहते हैं। भगवान बुद्ध के पिछले जीवन की कहानी के रूप में प्रचलित है। 

मलय (Malay) 
मलय में रामायण को हिकायत सेरी राम के नाम से जानते हैं। इसमें लक्ष्मण के चरित्र को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दिया गया है। मलय लेखकों ने हिकायत सेरी राम की कहानियों को राम की बजाय लक्ष्मण पर ज्यादा केंद्रीय किया है।

म्यांमार (Myanmar) 
यम ज़टडॉ, म्यांमार का अनौपचारिक राष्ट्रीय महाकाव्य है। कहानी अधिकतर वही है। जबकि, स्थानों और पात्रों के नाम बर्मी भाषा के अनुसार बदल दिए गए हैं। इसके अलावा नेपाल में रामायण को सिद्धि रामायण, श्रीलंका  में जानकीहरण और इंडोनेशिया में रामकवासा कहते हैं। 

अन्य धर्मों में रामायण

बौद्ध धर्म (Buddhism)
रामायण का बौद्ध संस्करण दशरथ जातक के नाम से प्रसिद्ध है। कहानी भी सेम है। संस्कृत रामायण और रामायण के बौद्ध संस्करण में बड़ा अंतर यह है कि राजा दशरथ ने अपनी महत्वाकांक्षी और तीसरी पत्नी से बचाने के लिए राम, सीता और लक्ष्मण को जंगल में रहने के लिए भेजा था। इसमें सीता के अपहरण का उल्लेख नहीं है।

जैन धर्म (Jainism)
जैन धर्म में रामायण महाकाव्य बहुत प्रसिद्ध है। इसके सभी पात्र जैन हैं। जैन धर्म रामायण का सबसे प्रभावशाली संस्करण पउमाचरियम दावा करता है कि सभी पात्र नश्वर हैं। उनके पास अलौकिक शक्तियां नहीं हैं। जंगल में रहने के दौरान पात्र जैन तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं। संस्करण यह भी दर्शाता है कि राम अहिंसक थे और लक्ष्मण ही रावण को मारते हैं। रावण और लक्ष्मण दोनों नरक में जाते हैं, जबकि राम जैन भिक्षु बन जाते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।

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