South Korea President Arrested: दक्षिण कोरिया में बुधवार (15 जनवरी) का दिन राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक योल को पुलिस ने उनके घर में घुसकर गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस को काफी विरोध का सामना करना पड़ा। राष्ट्रपति पर मार्शल लॉ लगाने और संसद को दबाने के आरोप हैं। दक्षिण कोरिया के इतिहास में  यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति को इस तरह गिरफ्तार किया गया। बता दें कि यून सुक योल पर देश छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। 

राष्ट्रपति के आवास पर पुलिस पहुंची
बुधवार सुबह सियोल में राष्ट्रपति यून सुक योल के आवास पर सैकड़ों पुलिसकर्मी पहुंचे। बड़ी संख्या में मौजूद यून सुक योल के समर्थकों ने गिरफ्तारी रोकने के लिए प्रदर्शन किया। पुलिस ने विरोध के बावजूद बैरिकेडिंग हटा दी। इसके पुलिस सीढ़ी लगाकर घर में घुस गई और यून सुक योल को गिरफ्तार कर लिया। यून कई हफ्तों से अपने निजी सुरक्षा बल के साथ आवास में छिपे हुए थे। पुलिस की इस कार्रवाई में किसी को चोट न पहुंचे, इसके लिए विशेष सावधानी बरती गई।

मार्शल लॉ और महाभियोग का विवाद
यून सुक योल ने 3 दिसंबर को अचानक मार्शल लॉ लागू कर दिया था। उन्होंने संसद में विशेष बल और हेलिकॉप्टर तैनात कर विपक्ष को दबाने का प्रयास किया। उनके इस कदम को संसद ने अवैध ठहराया और पलट दिया। हालांकि इसके बाद विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया। यून पर विद्रोह और संवैधानिक प्रक्रियाओं के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। संसद ने उन्हें पद से हटा दिया।

गिरफ्तारी से पहले हुआ विरोध
योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यून के समर्थकों ने पुलिस को रोकने के लिए आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उनकी सुरक्षा में लगे गार्ड्स ने पुलिस के लिए रास्ता रोक दिया। पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस ने हालात को काबू में किया। आखिरकार, सीढ़ी का इस्तेमाल करके पुलिस उनके घर में घुस गई। यह पहली बार हुआ है जब किसी राष्ट्रपति के खिलाफ ऐसी रणनीति अपनाई गई। यून की गिरफ्तारी के समय सियोल में सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई।

अदालत ने जारी किया था वारंट 
सियोल की अदालत ने मंगलवार को यून के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। करप्शन इंवेस्टिगेशन ऑफिस (CIO) ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए निर्देश जारी किए। यून पर विद्रोह, भ्रष्टाचार और असंवैधानिक फैसलों के आरोप हैं। गिरफ्तारी के बाद यून ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह जांच पूरी तरह अवैध है। उन्होंने अदालत में पेश होने का वादा किया ताकि किसी तरह का खूनखराबा न हो।

मार्शल लॉ क्यों लगाया गया था?
यून सुक योल ने DPK पार्टी पर उत्तर कोरिया समर्थक होने और देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। विपक्षी पार्टी DPK के पास संसद में बहुमत था, जिससे यून अपने फैसलों को लागू नहीं कर पा रहे थे। 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीतने के बाद उनकी लोकप्रियता लगातार घट रही थी। उनकी पत्नी के विवादों और कमजोर प्रशासन ने स्थिति और खराब कर दी। इन सबके चलते उन्होंने इमरजेंसी लागू की, जिसे जनता और विपक्ष दोनों ने खारिज कर दिया।

दक्षिण कोरिया के इतिहास की पहली ऐसी घटना
यून सुक योल की गिरफ्तारी ने दक्षिण कोरिया के राजनीतिक इतिहास में एक नई मिसाल पेश की है। यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति पर पद पर रहते हुए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा। यून ने विपक्ष पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाकर मार्शल लॉ लागू किया था। हालांकि, उनके इस कदम को अवैध करार दिया गया। इसके बाद से ही देश की विपक्षी पार्टियां लगातार यून के खिलाफ आंदोलन कर रही थीं। यून को गिरफ्तार करने की मांग कर रहीं थीं। आखिरकार बुधवार को दक्षिण कोरिया की विपक्षी पार्टियां यून को जेल भिजवाने के अपने मिशन में कामयाब रहीं।