Joe Biden controversial statement: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान भारत को एक जेनोफोबिक राष्ट्र बता दिया। बाइडेन ने एक हालिया बयान में भारत के साथ ही जापान, चीन और रूस को जेनोफोबिक राष्ट्र करार दिया।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह सारे देश अपने यहां आने वाले आप्रवासियों का स्वागत नहीं करते। वहीं, अमेरिका अपने यहां आने वाले दूसरे देशों के प्रवासियों का स्वागत किया। बाइडन ने कहा कि अमेरिका भारत, जापान चीन और रूस से ज्यादा समावेशी है। 

चीन, जापान, रूस और भारत पर निशाना साधा
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए, बाइडेन ने देश के आगामी चुनावों में स्वतंत्रता, अमेरिकी मूल्यों और लोकतंत्र के महत्व पर जोर दिया। बाइडन ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने में अप्रवासियों की भूमिका अहम है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था अप्रवासियों के प्रति खुलेपन के कारण फलती-फूलती है। बाइडेन ने चीन, जापान, रूस और भारत पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनका जेनोफोबिक रवैया उनकी आर्थिक प्रगति में बाधा डालता है।

आप्रवासी राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं
बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था में अप्रवासी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रवासी राष्ट्र की ताकत बढ़ाने में योगदान देते हैं। उन्होंने उन श्रमिकों का स्वागत करने के महत्व पर जोर दिया जो देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। रणनीतिक सुरक्षा वार्ता क्वाड के दोनों सदस्य भारत और जापान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ राजनयिक संबंधों का आनंद लिया है।

रिपब्लिकन पार्टी ने की बाइडेन की इमिग्रेश नीतियों की आलोचना
रिपब्लिकन पार्टी ने बाइडेन की इमिग्रेशन नीतियों की आलोचना की है। कहा है कि बाइडेन की इन नीतियो से अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के आने की समस्या और भी बढेगी। बता दें कि अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इस चुनाव से पहले आप्रवासन एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। बाइडेन के खिलाफ रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मुकाबले में होने की उम्मीद है। बाइडेन जहां इमिग्रेशन को लेकर नर्म रवैया दिखा रहे हैं वहीं, ट्रम्प इसको लेकर अपने कठोर रुख के लिए जाने जाते हैं।