WHO IS MARK CARNEY: कनाडा के अगले प्रधानमंत्री मार्क कार्नी होंगे। लिबरल पार्टी ने रविवार (9 मार्च) की रात कार्नी को अपना नेता चुन लिया है। कार्नी ने पीएम पद की रेस में शामिल पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, पूर्व सरकारी सदन नेता करीना गोल्ड और पूर्व संसद सदस्य फ्रैंक बेलिस को पछाड़ा है। मार्क कार्नी अब जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। कार्नी को 85.9% वोट मिले हैं।

जानिए कौन हैं मार्क कार्नी
59 वर्षीय मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च, 1965 को नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ के फ़ोर्ट स्मिथ में हुआ था। कार्नी का पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ। कार्नी ने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। कार्नी  प्रसिद्ध कनाडाई आर्थिक विशेषज्ञ हैं।

2008 में बने बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर 
कई कनाडाई लोगों की तरह, उन्होंने हार्वर्ड के लिए बैकअप गोलकीपर के रूप में काम करते हुए आइस हॉकी खेली। कार्नी को 2008 में बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर चुना था। कनाडा को मंदी से बाहर निकालने के बाद को 2013 में बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कार्नी को गवर्नर बनने का प्रस्ताव दिया। 2020 तक कार्नी इससे जुड़े रहे। ब्रेग्जिट के दौरान लिए फैसलों ने कार्नी को ब्रिटेन में मशहूर बना दिया। 

जानिए कार्नी की खासियत
कार्नी को विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान स्थिरता बनाए रखने, केंद्रीय बैंकों की भूमिका को पुनः परिभाषित करने, और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को वित्तीय नीति में शामिल करने के लिए पहचाना जाता है। कार्नी का मानना है कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। इस मुद्दे पर कार्नी ने कई पहल की हैं।

ट्रम्प के विरोधी हैं कार्नी
कार्नी लिबरल पार्टी में ट्रम्प के विरोधी हैं। कार्नी ने देश की इस हालत का जिम्मेदार ट्रम्प को बताया है। कार्नी ने पिछले मंगलवार को एक बहस के दौरान कहा था कि ट्रम्प की धमकियों से पहले ही देश की हालत खराब है। बहुत से कनाडाई बदतर जीवन जी रहे हैं। अप्रवासियों की संख्या बढ़ने से देश की हालत और खराब हो गई है। कार्नी ट्रम्प विरोधी हैं, लेकिन कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने और देश पर टैरिफ लगाने वाले ट्रम्प के बयान को लेकर कुछ भी कहने से बचते हैं।

भारत के साथ सुधरेंगे संबंध 
नए पीएम कार्नी भारत और कनाडा के रिश्तों में आए तनाव को खत्म करना चाहते हैं। वे भारत से अच्छे रिश्तों को हिमायती रहे हैं। कार्नी ने हाल ही में कहा था कि अगर वो कनाडा के प्रधानमंत्री बनते हैं तो भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को फिर से बहाल करेंगे। बता दें कि खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ साल से राजनीतिक विवाद चल रहे हैं।