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E-Cycle: इलेक्ट्रिक साइकिल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में पूर्व भारतीय कप्तान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का बड़ा निवेश है। ईमोटोराड पुणे के प्लांट में 15 अगस्त से मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की तैयारी में है।

E-Cycle: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर सामने आई लोगों की दिवानगी के बाद इलेक्ट्रिक साइकिल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में बड़ा स्कोप नजर आ रहा है। इसे भुनाने के लिए ईमोटोराड  महाराष्ट्र के पुणे में इलेक्ट्रिक साइकिल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण कर रही है। यह साउथ एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा। इसमें पूर्व भारतीय कप्तान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का बड़ा निवेश है। कंपनी पुणे के रावेत में 2,40,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्लांट तैयार कर रही है। यहां 15 अगस्त से मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की तैयारी है।

फैक्ट्री में सालाना 5 लाख से ज्यादा साइकिलें बनेंगी  
कंपनी के मुताबिक, पूरी तरह ऑपरेशनल होने पर यहां से सालाना 5 लाख से अधिक साइकिलों का उत्पादन होगा। इस गिगाफैक्ट्री में बैटरी, मोटर, डिस्प्ले, और चार्जर सहित इलेक्ट्रिक व्हीकल के लगभग सभी कॉम्पोनेंट्स का उत्पादन होगा। नई फैसिलिटी से कंपनी अपने प्रोडक्ट रेंज को भी बढ़ाएगी। इसमें नई इलेक्ट्रिक साइकिल भी शामिल होगी। इस फर्म में कैपेसिटी बढ़ाने के लिए कंपनी 300 नए लोगों को हायर करेगी। अभी इस फैक्ट्री में 250 लोग काम कर रहे हैं।

पुणे में साउथ एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी
- कंपनी के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का कंस्ट्रक्शन चार फेज में पूरा होगा। इसके पूरा हो जाने के बाद किसी एक लोकेशन पर बनी साउथ एशिया की यह सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी। कंपनी इनोवेटिव प्रोडक्ट बनाने के अलावा पुराने प्रोडक्ट्स में जरूरी ट्रांसफॉर्मेशन करके नए सिरे से लॉन्च करेगी।
- ईमोटोराड ​​​​​ 4.0 स्टैंडर्ड पर भी फोकस कर रही है। इसके तहत मैन्युफैक्चरिंग के स्मार्ट और मॉडर्न तरीकों को अपनाने के साथ-साथ टेक्निकली एडवांस प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है। इसके अलावा, ईमोटोराड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की एक सीरीज भी पेश करने की तैयारी कर रही है, जो सभी अपग्रेडेड जेन-2 प्लेटफॉर्म्स पर बने होंगे।

हर तीन में से एक आदमी टू-व्हीलर EV चाहता है- रिपोर्ट
बता दें कि भारत में ई-साइकिल का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टू-व्हीलर चला रहे हर तीन में से एक आदमी टू-व्हीलर EV की ओर शिफ्ट करना चाह रहा है। इसके लिए फ्यूल प्राइसेस, पर्यावरणीय मुद्दे और इस ओर सरकार का फोकस जिम्मेदार माना जा रहा है।
(मंजू कुमारी)

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