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Driving Tips: कुशल ड्राइवर बनने के लिए कुछ एडवांस्ड ड्राइविंग टेक्निक्स सीखना जरूरी है। सही ड्राइविंग स्टाइल से कार की परफॉर्मेंस बेहतर होगी और सड़क पर आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

Driving Tips: अगर आप गाड़ी अच्छी चलाना जानते हैं और इसे और भी बेहतरीन बनाना चाहते हैं, तो कुछ एडवांस्ड ड्राइविंग टेक्निक्स आपकी मदद कर सकती हैं। सही तकनीकों का उपयोग करने से न केवल आपकी ड्राइविंग स्किल्स में सुधार होगा, बल्कि सेफ्टी और परफॉर्मेंस भी बेहतर होगी। चाहे ट्रैफिक हो, घुमावदार सड़कें हों, या अचानक ब्रेक लगाने की जरूरत हो, इन तरीकों को अपनाकर आप एक प्रोफेशनल ड्राइवर की तरह ड्राइव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण ड्राइविंग टेक्निक्स के बारे में... 

1. डिफेंसिव ड्राइविंग
डिफेंसिव ड्राइविंग का मतलब संभावित खतरों को पहले से भांपना और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना होता है। इसके लिए हमेशा सेफ फॉलोइंग डिस्टेंस बनाए रखें ताकि अचानक ब्रेक लगने की स्थिति में आप पहले से तैयार रहें। सड़क पर आगे की स्थिति पर नजर रखना और बार-बार मिरर्स चेक करना भी बेहद जरूरी है, जिससे आप अपने आसपास के ट्रैफिक को सही तरह से मॉनिटर कर सकें। इसके अलावा, ब्लाइंड स्पॉट्स का ध्यान रखें और लेन बदलते समय इंडिकेटर का सही उपयोग करें ताकि अन्य वाहन चालक भी आपकी हरकतों से अवगत रहें, जिससे सड़क पर सुरक्षा बनी रहे।

2. रेव मैचिंग (Rev Matching)
रेव मैचिंग एक उन्नत तकनीक है, जो गियर डाउनशिफ्टिंग के दौरान झटकों को कम करती है और गाड़ी को स्मूथ बनाए रखती है। जब गियर डाउन करें, तो क्लच दबाते ही हल्का एक्सीलरेटर टैप करें ताकि इंजन का RPM नए गियर से मेल खा सके। इसके बाद क्लच को धीरे-धीरे छोड़ें, जिससे गाड़ी बिना किसी झटके के धीमी हो सके। यह तकनीक विशेष रूप से टर्न लेते समय या ओवरटेकिंग के दौरान गाड़ी की स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है, जिससे ड्राइविंग अधिक कंट्रोल्ड और सुरक्षित हो जाती है।

3. ट्रेल ब्रेकिंग (Trail Braking)
ट्रेल ब्रेकिंग एक उन्नत ड्राइविंग तकनीक है, जिसमें टर्न में प्रवेश करते समय धीरे-धीरे ब्रेक छोड़कर गाड़ी के वेट डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रैक्शन में सुधार किया जाता है। टर्न में जाने से पहले ब्रेक दबाएं और जैसे-जैसे गाड़ी मुड़ती है, ब्रेक को धीरे-धीरे रिलीज करें, जिससे संतुलन बना रहे। टर्न पूरा होने के बाद एक्सीलरेटर दबाएं ताकि गाड़ी स्थिर और नियंत्रित बनी रहे। यह तकनीक विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों और तीव्र मोड़ों पर फायदेमंद होती है, जहां अतिरिक्त नियंत्रण की आवश्यकता होती है।

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4. ओवरस्टेयर और अंडरस्टेयर को संभालना
फिसलन भरी सड़कों या हाई-स्पीड टर्न के दौरान ओवरस्टेयर या अंडरस्टेयर की समस्या हो सकती है। ओवरस्टेयर की स्थिति में, जब गाड़ी का पिछला हिस्सा फिसल जाए, तो उसी दिशा में स्टीयरिंग घुमाएं (काउंटर-स्टीयरिंग), एक्सीलरेटर हल्का छोड़ें और अचानक ब्रेक लगाने से बचें। वहीं, अंडरस्टेयर की स्थिति में, जब गाड़ी ठीक से मुड़ न पाए, तो एक्सीलरेटर हल्का छोड़ें और स्टीयरिंग को धीरे-धीरे एडजस्ट करें ताकि टायर दोबारा ग्रिप पकड़ सकें।

5. स्मूथ एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग
अचानक एक्सीलरेट या ब्रेक लगाने से गाड़ी का नियंत्रण बिगड़ सकता है और इंजन, टायर व ब्रेक जल्दी खराब हो सकते हैं। हमेशा स्मूथ एक्सीलरेशन करें ताकि टायर का घर्षण सही बना रहे और गाड़ी स्थिर चले। ब्रेकिंग के दौरान अचानक ब्रेक लगाने के बजाय धीरे-धीरे दबाएं ताकि संतुलन बना रहे। स्मूथ ड्राइविंग न केवल गाड़ी की उम्र बढ़ाती है, बल्कि माइलेज भी बेहतर करती है।

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एक प्रोफेशनल ड्राइवर बनें
अगर आप एक कुशल ड्राइवर बनना चाहते हैं, तो ये एडवांस्ड ड्राइविंग टेक्निक्स आपके लिए मददगार साबित होंगी। सही ड्राइविंग स्टाइल अपनाने से न केवल आपकी गाड़ी का परफॉर्मेंस बेहतर होगा, बल्कि सड़क पर आपकी और अन्य यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। अगली बार जब आप ड्राइव करें, तो इन टेक्निक्स को अपनाएं और खुद अंतर महसूस करें!

(मंजू कुमारी)

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